यदि आप इमोशनली फिट नहीं हैं तो पूर्ण रूप से स्वस्थ नहीं माने जाएंगे. शोध बताते हैं कि इंसान को ज्यादातर बीमारियां शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक गड़बड़ी से होती हैं.
अगर आप रोजमर्रा के ज़िंदगी में कुछ आदतों को अपना लेंगे तो इमोशनली बहुत ज्यादा मजबूत बन सकते हैं. आत्मसम्मान का महत्व- आपको खुद का व दूसरों का सम्मान करना चाहिए. अगर आप खुद को निर्बल व सताया हुआ इंसान समझते हैं तो आप डिप्रेशन के शिकार हो सकते हैं. ऐसे दोस्त बनाएं जो आपकी तरक्की में सहायता करें व आत्मसम्मान को बढ़ाने में सहायता करें. बहस से बचें- बहस के दौरान आदमी खुद को समझदार साबित करने की प्रयास करता है व भूल जाता है कि इससे पछतावे के सिवाय कुछ हासिल नहीं होता. जिस आदमी में बहस करने की आदत होती है उसका दिमाग शांत नहीं रहता. बहस से बचने के लिए महत्वपूर्ण है कि आप पूरी बात सुनें व शब्दों पर काबू रखें. खूबियों पर करें गौर- खुद को पॉजिटिव इंसान बनाएं. इसके लिए अपनी खूबियों पर गौर करें. कमियों को लेकर अफसोस न करें. अतीत पर रोना खुद की स्वास्थ्य बिगाडऩा ही है. अगर आप पराजय नहीं मानते व खुद को खुश रखते हैं तो आप इमोशनली हैल्दी रह सकते हैं. मानसिक स्वास्थ्य एक ऐसा खजाना है जिसे लगातार एक्सरसाइज के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है. इसलिए ज़िंदगी के प्रति सकारात्मक नजरिए के साथ आगे बढ़ें व स्वस्थ रहें क्योंकि स्वास्थ्य वर्धक शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है. इसके अतिरिक्त भगवान का धन्यवाद करना न भूलें. तनाव को रखें काबू- तनाव से घबराने वाला इंसान मानसिक रूप से परेशान हो जाता है. उसे लगता है कि दुनिया में सिर्फ दुख ही दुख हैं. आपको अपने गुस्से को प्रेम में परिवर्तित करना चाहिए. आपको हमेशा बदला लेने की भावना के बजाय क्षमा करना सीखना चाहिए. बुरी आदतों से रहें दूर - शराब, धूम्रपान व ड्रग्स का सेवन करने से खुद पर नियंत्रण कम हो जाता है व ज्यादा गुस्सा करने लगते हैं । इससे सोचने-समझने की क्षमता भी प्रभावित होती है व ठीक निर्णय नहीं ले पाते. भावनाओं पर नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण जरूरी है कि ज़िंदगी में बुरी आदतों से दूर रहा जाए. पोषक तत्वों का रखें खयाल- मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए महत्वपूर्ण है कि भोजन में हर तरह के पोषक तत्व ठीक मात्रा में हों. आपके भोजन में फैटी एसिड, विटामिन बी, कैल्शियम, मैगनीशियम जरूर होने चाहिए.