वर्कप्लेस पर सबसे आगे रहने की चाह में युवा एक्जिक्यूटिव्स को न खाने की सुध है, न सोने की. खाली पेट भागते-दौड़ते कार्यालय पहुंचते हैं व चाय-कॉफी और
चिप्स से दिन गुजार देते हैं. खाने-पीने में लापरवाही से एसिडिटी होने लगती है. स्थिति यही बनी रहे तो धीरे-धीरे लिवर प्रभावित होकर वजन और कोलेस्ट्राल बढ़ सकता है. यही रोग धमनियों में रुकावट का कारण बनते हैं. 35 की आयु के बाद इन रोगों के लक्षण दिखने लगते हैं व 45 की आयु के बाद शिकायत और रोंगों का दौर प्रारम्भ हो जाता है. जानते हैं इन रोगों से बचाव के तरीकों के बारे में. खाली पेट नारियल पानी से दिन की आरंभ करें. लौकी, ककड़ी जैसी सब्जियों का जूस आदि भी ले सकते हैं. मेवे, फल, दूध व दूध से बनी चीजों को नाश्ते में शामिल करना चाहिए. लंच करना न भूलें. लंच में साबुत अन्न और हरी सब्जियों को महत्व दें. डिनर हल्का लें. 3 कप से ज्यादा चाय-कॉफी का सेवन न करें. तली-भुनी चीजों से परहेज करें.