COVID-19:कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए, मौसमी खांसी और कोरोना खांसी का रखें ध्यान

जयपुर।कोरोना संक्रमण के दौर में कोरोना वायरस से बचने के लिए इसके लक्षणों का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है।वहीं बारिश के मौसम में वायरल संक्रमण के कारण सर्दी-जुकाम, खांसी और बुखार की समस्या अधिक होती है।लेकिन यह सभी कोरोना वायरस के प्रारंभिक लक्षण भी माने गए है।ऐसे में आज के इस लेख में हम आपको मौसमी खांसी और कोरोना वायरस के कारण होने वाली खांसी में कुछ फर्क होने की जानकारी दे रहें है।

जिससे आप खुद का कोरोना संक्रमण से बचाव कर सकते है।कोरोना संक्रमित लोगों में सर्दी-जुकाम के साथ सूखी खांसी की परेशानी दिखाई देती है।लेकिन मौसमी बदलाव के कारण हमारे शरीर में गीली खांसी की समस्या देखने को मिलती है। सूखी खांसी में कफ कम या बिल्कुल नहीं होता है और इसमें गले में खर्राश की समस्या रहती है।
लेकिन मौसम बदलाव के कारण होने वाली गीली खांसी में गले व नाक में कफ व बलगम जमा हो जाता है।हमारे शरीर में सूखी खांसी होने के कारण सांस नली में सूजन और जलन की परेशानी भी दिखाई देती है। क्योंकि सूखी खांसी गले व फेफड़ों में जीवाणु और वायरस के संक्रमण के कारण होती है।
जबकि गीली खांसी धूल-मिट्टी, गलत खानपान और दूषित पानी का सेवन कारण हो सकती है।कोरोना वायरस का शुरूआती लक्षण माने जाने वाली सूखी खांसी शरीर में एलर्जी, साइनसाइटिस, अस्थमा, टॉन्सिलाइटिस और वायरस के संक्रमण के कारण होती है।
हालांकि सिर्फ सूखी खांसी की समस्या के होने पर कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा कम रहता है।लेकिन सूखी खांसी के साथ तेज बुखार, स्वाद या गंध का महसुस ना होना और सांस लेने में दिक्कत होने पर आपको अपनी जांच अवश्य करवानी चाहिए।

अन्य समाचार