कान को साफ करने के लिए पेन, पेंसिल या चाबी का प्रयोग कभी न करें. इससे कान के आसपास की मांशपेशियों को नुकसान होने के साथ पर्दा फट सकता है.
कान में ऑयल या अन्य तरह का कोई ईयर ड्रॉप बिना डॉक्टरी सलाह के न डालें इससे सिर्फ नुकसान होता है. कान में नैचुरल क्लीनिंग मैकेनिज्म होता है जिसमें कार्य की गंदगी अपने आप बाहर निकलती रहती है.
इन जांचों से पता चलती है रोग कान संबंधी किसी तरह की कठिनाई होने पर मुख्य रूप से नेजल इंडोस्कोपी कराई जाती है. इसके साथ ही सीटी स्कैन व एक्स-रे की सहायता से कान की मांशपेशियों की जाँच बेहतर तरीका से होती है.
डॉक्टरी सलाह ईयर ड्रॉप्स
रुई को ऑयल या वैस्लीन में डूबोकर उसे निचोड़ दें इसके बाद उसे कान में लगा लें. कान की गंदगी अपने आप साफ हो जाएगी. डॉक्टरी सलाह पर ईयर ड्रॉप्स का इस्तेमाल करने से कान का दर्द अच्छा होने के साथ संक्रमण कम हो जाता है. गंभीर स्थिति में ऑपरेशन से कठिनाई को सही किया जाता है.