Mahalaxmi Vrat 2020 : 16 दिनों तक रखा जाएगा महालक्ष्मी व्रत, जानिए महत्व और नियम

हिंदू धर्म में व्रत त्योहार को खास माना जाता हैं वही कल यानी की 25 अगस्त दिन मंगलवार से महालक्ष्मी व्रत का आरंभ हो चुका हैं पंचांग के मुताबिक भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर महालक्ष्मी का पहला व्रत रखा जाता हैं इस तिथि से आरंभ हो कर पूरे 16 दिनों तक महालक्ष्मी व्रत किया जाता हैं

जो आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि तक चलता हैं। इसके अलावा भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी भी पड़ती हैं। इसी तिथि को दूर्वा अष्टमी भी मनाया जाता हैं जिसमें दूर्वा घास की पूजा की जाती हैं इस व्रत को करने से माता लक्ष्मी अपने भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी करती हैं और घर में धन धान्य की कमी नहीं होने देती हैं तो आज हम आपको इस व्रत के नियम बताने जा रहे हैं, तो आइए जानते हैं।
माता लक्ष्मी का यह व्रत रखने पर घर में सुख शांति समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती हैं यह व्रत 16 दिनों तक होता हैं जिसमें से अधिकतर विवाहित महिलाएं 16 दिनों तक व्रत रखती हैं जो भी महिलाएं 16 दिनों तक इस व्रत को नहीं रख पाती हैं वे तीन या आखिरी दिन व्रत रखती हैं जो महिलाएं इस व्रत को करती हैं वे इस दिन अन्न ग्रहण नहीं करती हैं।
महालक्ष्मी व्रत वाले दिन पूजन स्थल पर हल्दी से कमल बनाकर उस पर देवी मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए और मूर्ति के सामने श्रीयंत्र, सोने चांदी के सिक्के और फल पुष्प रखें। इसके बाद माता लक्ष्मी के आठ रूपों की मंत्रों के साथ कुमकुम, चावल और पुष्प चढ़ाते हुए पूजा करें। महालक्ष्मी व्रत में माता के हाथी पर बैठी हुई मूर्ति को लाल वस्त्र के साथ विधि विधान के साथ इनकी स्थापना करें और पूजन कर ध्यान लगाएं। इस व्रत के दिन श्रीयंत्र या महालक्ष्मी यंत्र को मां लक्ष्मी के सामने स्थापित करें और इसकी पूजा भी करें।

अन्य समाचार