कोर्ट की कार्यवाही में देरी होने से बैंक ने केस कर दिया, मुरैना में CBI छापेमारी पर बोले रमेश गर्ग

938.81 करोड़ रुपए के बैंक फ्रॉड केस में CBI की छापेमारी के बाद केएस ऑयल्स (KS Oils) के संचालक रमेश चंद्र गर्ग का बयान आया है. गर्ग का कहना है कि लोन से सेटलमेंट का पूरा मामला कोर्ट में चल रहा है. कोर्ट की कार्यवाही में देरी होने के चलते बैंक ने CBI में केस रजिस्टर करा दिया है. जिसकी वजह से अफसर उनके यहां आए थे औऱ लोन से जुड़े सारे दस्तावेज़ ले गए हैं.

गर्ग को नहीं लगता कि कार्यवाही राजनीति से प्रेरित होकर हुई होगी
गर्ग का कहना है कि 2015 में बैंक में गिरवी रखी गयी संपत्ति को खरीदने के लिए एक कंपनी आई थी. बैंक का कहना था कि उन्हें वन टाइम सेटलमेंट चाहिए, जबकि कंपनी का कहना था कि इतनी बड़ी रकम एक मुश्त में अदा करना संभव नहीं है. कंपनी 4 से 6 किश्तों में रकम देने को तैयार थी. इसे लेकर बैंक राज़ी नहीं था लिहाज़ा उन्होंने CBI को केस दिया है. गर्ग चुनाव लड़ना चाहते हैं, राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के सवाल पर गर्ग ने साफ कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इस तरह की कार्यवाही राजनीति से प्रेरित होकर हुई होगी.
CBI टीम ने की थी केएस ऑयल के डायरेक्टर्स के घर छापेमारी
CBI ने शनिवार को मुरैना (Morena) में केएस ऑयल के संचालक रमेश चंद्र गर्ग के घर बैंक फ्रॉड मामले में छापेमारी की थी. ये छापेमारी SBI का 938.81 करोड़ का लोन नहीं चुकाने के मामले में की गई. बताया जा रहा है कि केएस ग्रुप का अलग-अलग बैंकों पर करीब 3.5 हज़ार करोड़ रुपए बकाया है. CBI ने केएस ऑयल्स के 5 ठिकानों पर छापेमारी की.
इस मामले में जांच के लिए CBI की टीम मुरैना, दिल्ली और कंपनी के दूसरे ठिकानों पर दबिश देने के लिए गयी थी. जानकारी के मुताबिक कंपनी के दिल्ली स्थित कनॉट प्लेस, बाराखंबा रोड के ऑफिस में भी जांच की गई. कंपनी के दूसरे डायरेक्टर सौरभ गर्ग के ऑफिस और ठिकानों पर भी जांच की गई है.

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