दिल और सांस के रोगों से बचने के लिए करे मुलैठी का सेवन

इसमें कैल्शियम,एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटीबायोटिक, प्रोटीन व वसा अधिक होता है. यह आंख, नाक, कान व गला रोगों के साथ पेट, दिल और सांस के रोगों से भी बचाव करती है. सर्दी-खांसी से भी बचाव होता है.

मौसमी संक्रमण से भी बचाव होता है. घावों को अच्छा करने में भी उपयोग होता है. यह वात, कफ, पित्त तीनों दोषों को शांत कर अधिकांश रोंगों को बढऩे से रोकती है. मुलैठी चूर्ण को सौंफ के साथ बराबर मात्रा में लेने से आंखों की जलन और पेट अच्छा रहता है. 3-3 ग्राम मुलैठी तथा शुंडी में छह छोटी इलायची तथा 25 ग्राम मिश्री मिलाकर, क्वाथ बनाकर 1-2 बूंद नाक में डालने से नाक के रोगों से बचाव होता है. मुंह में छाले होने पर मुलैठी की जड़ को शहद के साथ चूसें. फायदा मिलेगा. इससे खांसी व गले के रोगों में भी फायदा होता है. 3-5 ग्राम मुलैठी और कुटकी चूर्ण, 15-20 ग्राम मिश्री रोज लेने ने दिल रोगों से बचाव होता है.

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