23 साल से पाकिस्तान में छुपा बैठा है भारत का ये मोस्टवाॅन्टेड, रखता है 14 पासपोर्ट

पहली बार पाकिस्तान ने कुबूल किया है कि भारत का मोस्ट वान्टेड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम कराची में रहता है. पाकिस्तान ने वहां दाऊद इब्राहिम पर प्रतिबंध लगा दिया है. उसके बैंक खाते सील करने का दिया आदेश दिया है. दरअसल, पाकिस्तान ने एक लिस्ट जारी की है, जिसमें प्रतिबंधित किए गए 88 आतंकवादी संगठनों और आतंकियों के नाम शामिल हैं. जिसमें दाऊद के नाम का जिक्र भी है. एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट से बचने के लिए पाकिस्तान ने यह कदम उठाया है. अभी पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में शामिल है. बताया जाता है कि दाऊद के पास 14 पासपोर्ट हैं.

ज्यादा वक्त नहीं हुआ जब दाऊद की आवाज के आधार पर हिंदुस्तान की एजेंसियां इस नतीजे पर पहुंची थी कि दाऊद कराची में ही है और वही से दुनिया भर में अपना गैरकानूनी कारोबार चला रहा है. दाऊद इब्राहीम कासकर ही डी कंपनी का सरगना है. हिंदुस्तान का दुश्मन नंबर एक दाऊद 1993 के मुंबई बम हमले का आरोपी भी है. जी हां, उस दाऊद इब्राहिम को पिछले 23 सालों से हिंदुस्तानी सरकार और पुलिस तलाश कर रही है.
लेकिन हिंदुस्तानी खुफिया एजेंसियां अब दाऊद के ठिकाने के साथ-साथ उसकी आवाज़ तक हासिल करने में कामयाब हो चुकी है. सिर्फ़ आवाज़ ही नहीं, दाऊद का पीछा कर रही हिंदुस्तानी खुफिया एजेंसियां पाकिस्तान में उसके उन ठिकानों तक भी पहुंचने में कामयाब हो चुकी है, जिसे वो अब तक दुनिया भर से छिपाता रहा है.
दाऊद इब्राहिम, व्हाइट हाउस, क्लिफ़टन रोड, कराचीकराची के क्लिफ्टन रोड पर मौजूद यही वो व्हाइट हाऊस बंगला है, जो दाऊद का पाकिस्तान में परमानेंट ठिकाना है. अपने पूरे परिवार के साथ दाऊद इसी बंगले में रहता है.
बंगला नंबर-37, डिफेंस हाउसिंग कालोनी, कराचीपाकिस्तान में वह जगह दाऊद का दूसरा ठिकाना है. अकसर दाऊद उस बंगले में भी रहा करता है. दाऊद के एड्रेस के साथ-साथ उसकी आवाज़ उसके पाकिस्तान में छुपे होने का सबसे बड़ा सुबूत है. एक ऐसा सुबूत जिसे हासिल करने के बाद हिंदुस्तानी सरकार पहले ही पाकिस्तान को सौंप चुकी है. भारतीय एजेंसियों ने दाऊद के कॉल डिटेल्स तक निकाल लिए हैं.
भारत सरकार का कहना है कि दाऊद से जुड़े तमाम सबूत पाकिस्तान को कब के दिए जा चुके हैं. लेकिन पाकिस्तान सरकार ना सिर्फ लगातार इन सबूतों को झूठलाती चली आ रही है, बल्कि एक ही राग अलाप रही है कि दाऊद पाकिस्तान में नहीं है.
पाक में खुलेआम घूमता है ये आतंकी
लश्कर-ए-तैय्यबा का चीफ और पाकिस्तान की गोद में बैठा पाकिस्तानी हुकूमत का वो मोहरा जिसके दिलो-दिमाग़ में हर वक़्त बस एक ही फितूर छाया रहता है हिंदुस्तान. हिंदुस्तान और बस हिंदुस्तान. कश्मीरी टोपी पहन कर कश्मीर में आग लगाने की कोशिश करने वाला दस मीलियन डॉलर का इनामी दुनिया का ये शायद इकलौता आतंकवादी है, जो खुलेआम घूमता है. खुलेआम रैलियां करता है. खुलेआम टीवी चौनलों पर आता है और पाकिस्तान उसे सिर आंखों पर बिठाता है.
हाफिज़ सईद का नाम पहली बार दुनिया ने तब सुना, जब उसने 1990 में पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की बुनियाद रखी. इसके बाद हाफिज सईद के इशारे पर लश्कर ने जम्मू-कश्मीर समेत हिंदुस्तान के कई इलाकों में एक के बाद अनगिनत आंतकवादी हमलों को अंजाम दिया।.जिसेमं सैकड़ों लोग मारे गए.
दरअसल हाफिज सईद ने आतंक की अपनी दुकान की शुरूआत कश्मीर के नाम पर की थी. ऐसा करने के पीछे उसका मकसद पाकिस्तान की फौज में कट्टरपंथी ताकती की घुसपैठ और पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई की हमदर्दी हासिल करना था. इस मकसद में काफी हद तक कामयाब भी रहा. पाकत फौज में एक बड़ा हिस्सा हाफिज सईद के समर्थकों का है. यही वजह है कि संयुक्त राष्ट्र तक से आतंकवादी घोषित करार दिए जाने के बाद भी पाकिस्तान में उसके खिलाफ कभी कोई कार्रवाई नहीं हुईय क्योंकि उसको पाक सेना का समर्थन हासिल है.
कश्मीर और छोटे-मोटे तमाम हमलों को छोड़ दें तो हाफिज सईद ने भारत को सबसे बड़ा जख्म 2006 और 26/11 में दिया था. दरअसल 11 जुलाई 2006 को मुंबई सीरियल ट्रेन धमाके और 26/11 के मुंबई हमलों के पीछे हाफिज सईद का ही दिमाग था. यहां तक कि इन हमलों के सिलसिले में उसके खिलाफ तमाम पुख्ता सबूत भी पाकिस्तान को दिए गए. लेकिन पाक फौज और आईएसआई का सर पर हाथ होने की वजह से पाकिस्तानी कोर्ट ने हाफिज़ सईद को बरी कर दिया.

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