मां अपनी बेटी से सहजता से पीरियड यानी मासिक धर्म के बारे में बात कर सकती है। अगर लड़कियों को पीरियड आना शुरू हो होने से पहले उसके बारे में जानकारी होती है तो वह शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी खुद को मजबूत कर लेती है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि एक मां को अपनी बेटी से कब इसके बारे में बातें करनी चाहिए।
आप इतना जल्दी इस बारे में बात करेंगे इतना अच्छा होगा। प्यूबर्टी की उम्र में आने वाले बदलावों के बारे में बेटी को बताएं एक ही बार में सभी बदलावों के बारे में बात करने की वजह अलग-अलग सेक्शन में बात करना जरूरी समझे। अगर आप की बेटियां बेटा इसके बारे में पूछता है तो उसको सब कुछ अच्छे से बताएं।
अब आप अपनी बेटी से ये पूछ सकती हैं कि प्यूबर्टी के बारे में वो क्या जानती है? उसे कोई भी गलत जानकारी है तो उसे सही बात बताएं। अपने अनुभव उसके साथ साझा करें। स्कूल में उसको हेल्थऔर सेक्स एजुकेशन मिल रही हो तो उसके बारे में भी पूछा इन सवालों को बिल्कुल भी टालने की कोशिश ना करें।
अधिकतर लड़कियों को 10 से 15 साल की उम्र के बीच में पीरियड्स आने शुरू हो जाते हैं वैसे महामारी के लिए औसतन अवधि 12 साल की उम्र होती है लेकिन हर लड़की की उम्र नहीं उसे पीरियड आता है पीरियड आने के लिए कोई सही उम्र नहीं होती। महामारी शुरू होने से पहले कुछ संकेत मिलने शुरू हो जाते हैं जैसे कि पीरियड शुरू होने से लगभग 2 साल पहले स्तनों का विकास शुरू हो जाता है। इसके अलावा अंडर वियर वेजाइनल डिसचार्ज आना भी एक अन्य संकेत होता है। डिस्चार्ज शुरू होने के लगभग 6 महीने 1 साल पहले शुरू हो जाता है।
अगर आपको अपनी बेटी से पीरियड के बारे में बात करने की आवश्यकता महसूस हो रही हो तो इस बारे में जानकारी देने का कोई भी तरीका सुनिश्चित करें वीडियो या किताब के जरिए उसे इस बात की जानकारी दें।
महामारी आने पर क्या क्या होता है या बताना बहुत जरूरी है पहली बार पीरियड आने पर लीडिंग बहुत हल्की हो सकती है। अधिकतर मामलों में 3 से 5 दिनों तक पीरियड होते हैं लेकिन कभी कभी ये 2 से सात दिन भी हो सकती हैं पीरियड के बारे में बात करते हुए यह जरूर बताएं। पेट के निचले हिस्से में पीठ में बहुत तेज दर्द होता है महामारी के दौरान पहले ब्रेस्ट को छूने पर दर्द महसूस होता है।