बीजिंग, 20 अगस्त (आईएएनएस)। इन दिनों दक्षिण चीन के कई इलाकों में बाढ़ का कहर जारी है। भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है। बाढ़ और बारिश से फसलों को बहुत नुकसान हो रहा है। लोगों को राहत पहुंचाने के लिए चीन की केंद्र सरकार के नेतृत्व में तमाम संबंधित विभाग तत्परता से जुटे हैं। यांगत्ज नदी, जिसे चीन की मातृ नदी भी कहा जाता है, उसका जलस्तर खतरे के निशान से बहुत ऊपर बह रहा है। बताया जाता है कि छोंगछिंग सहित इस नदी से जुड़े इलाकों में बाढ़ ने आतंक मचाया हुआ है।इस बीच चीन के उप प्रधानमंत्री हू छुनह्वा ने प्राकृतिक आपदा से निपटने के बाद किसानों से कृषि उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया है।
इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि फसलों का वार्षिक लक्ष्य हासिल करने के लिए शरद ऋतु में अनाज उत्पादन क्षमता को बहाल करने की जरूरत है। क्योंकि बारिश और बाढ़ के चलते हजारों हेक्टेयर फसलों पर काफी असर पड़ा है। ऐसे में विभिन्न एजेंसियों को लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कोशिश तेज करनी चाहिए।
इतना ही नहीं केंद्र सरकार ने स्थानीय सरकारों को निर्देश दिया है कि उक्त प्राकृतिक आपदा से निपटने के बाद किसानों को समग्र मदद दी जाय। इसके तहत उनको चाहिए कि किसानों को हुए नुकसान की जल्द से जल्द भरपाई की जाय, साथ ही कृषि सुविधाओं को ठीक करने पर जोर दिया जाय। इसके लिए उन्हें तकनीकी सहायता भी दिए जाने का आग्रह किया गया है।
जैसा कि हम जानते हैं कि चीन एक बड़ा कृषि उत्पादक देश है। इस दौरान कृषि को बाढ़, सूखा, तूफान व अन्य तरह की मुसीबतों से बचाने के लिए तमाम एजेंसियां कमर कस चुकी हैं। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक कीट भी फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में किसानों को समय पर छिड़काव करने आदि के लिए प्रोत्साहित किए जाने की जरूरत है।
गौरतलब है कि चीन ने हाल के वर्षों में कृषि उत्पादन के क्षेत्र में काफी तरक्की की है। चीन में उत्पादन बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक और आधुनिक तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही किसानों को फसलों का उचित लाभ भी प्रदान किया जा रहा है। जिसके कारण चीन में अनाज उत्पादन में इजाफा देखा गया है। हालांकि समय-समय पर दस्तक देने वाली प्राकृतिक आपदाएं चीन के लिए बड़ी चुनौती बनकर आती हैं।
(अनिल पांडेय-चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
-आईएएनएस