सर्दियों में कोरोना के साथ-साथ सीजनल फ्लू का भी खतरा, इस नई मुसीबत का नाम ट्विनडेमिक

न्यूर्याक. कोरोना ने भारत समेत दुनियाभर में तबाही मचा रखी है. दुनियाभर में कोरोना के कुल मामले 2.16 करोड़ से अधिक हो गए है, जबकि इस वायरस के संक्रमण से 770,288 लोगों की जान जा चुकी है. कोविड-19 (Covid-19) के संक्रमितों के मामले में अमेरिका दुनियाभर में पहले, ब्राजील दूसरे और भारत तीसरे स्थान पर है. कोरोना संकट के बीच वैज्ञानिकों ने सर्दियों में कोरोना का तेजी से प्रसार होने की चेतावनी जारी की है.

वैज्ञानिकों के मुताबिको सर्दियों में कोरोना के साथ-साथ सीजनल फ्लू भी तबाही मचाने के लिए तैयार है. वैज्ञानिक इस नई मुसीबत को 'ट्विनडेमिक' कह रहे हैं. सर्दियों के मौसम में सीजनल फ्लू काफी आम बीमारी है और अस्पतालों में इसके मरीजों से भरे रहते हैं. हालांकि इस साल कोरोना के कारण अस्पताल पहले ही भरे हुए हैं. ऐसे में सीजनल फ्लू भी बड़ी चुनौती होगी क्योंकि कोरोना और इसके लक्षण एक जैसे हैं. ऐसे में अस्पतालों में भीड़ के साथ ही कन्फ्यूजन भी होगी. फ्लू के लक्षण भी- बुखार, सिरदर्द, कफ, गले में दर्द, बदन दर्द हैं. इसके सारे लक्षण कोरोना जैसे हैं.
फ्लू की चपेट में आए व्यक्ति के लिए कोरोना संक्रमण खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि यह वायरस को कई गुणा बढ़ा देगा. वहीं अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के डायरेक्टर रॉबर्ट रेडफील्ड ने कहा कि हम अभी से बड़ी कंपनियों को कह रहे हैं कि वो 'फ्लू शॉट' देने के लिए अभियान चलाएं. कम से कम अपने कर्मचारियों को यह जरूर उपलब्ध कराएं ताकि दोनों बीमारियों में से एक का खतरा तो कम हो. ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ने स्थिति को देखते हुए फ्लू शॉट के लिए कैम्पेन शुरू कर दिया है. वहीं ऑस्ट्रेलिया ने भी देश के कई इलाकों में इस तरह के 'फ्लू शॉट' कैम्पेन की शुरुआत अप्रैल में ही कर दी थी ताकि वक्त रहते इससे बचा जा सके.

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