भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का जन्म साल 1944 को मुंबई में हुआ था। आज उनकी बर्थ एर्निवर्सरी है। राजीव गांधी भारत के छठे प्रधानमंत्री थे। राजीव गांधी इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी के बेटे थे। राजीव गांधी की राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं थी और वह एयरलाइन पाइलट की नौकरी करते थे। साल 1980 में अपने छोटे भाई संजय गांधी की मौत के बाद उन्होंने मां इंदिरा गांधी की मदद करने के लिए राजनीति में प्रवेश किया।
लवस्टोरी को लेकर खूब बटौरी चर्चा
राजनीति करियर के अलावा वह सोनिया गांधी के साथ अपनी लवस्टोरी को लेकर भी खूब चर्चा में रहे थे। राजीव-सोनिया की लवस्टोरी काफी फेमस है। चलिए आपको बताते हैं इनकी लवस्टोरी। राजीव और सोनिया की पहली मुलाकात ब्रिटेन के कैम्ब्रिज स्कूल में हुईं। दरअसल, सोनिया कैम्ब्रिज में इंग्लिश पढ़ने गई थीं और राजीव कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ ट्रिनिटी में पढ़ाई कर रहे थे। एक दिन राजीव अपने दोस्तों के साथ कैंब्रिज के एक रेस्टोरेंट में गए। जहां उनकी नजर सोनिया पर पड़ी। राजीव गांधी के रेस्टोरेंट के मालिक को सोनिया के पास बैठने के लिए रिश्वत दी थी। खबरों की माने तो जब राजीव ने रेस्टोरेंट के मालिक को सोनिया के पास वाली सीट मांगी थी तो मालिक ने कहा था कि अगर आप चाहते हैं कि ऐसा हो तो आपको दोगुना भुगतान करना होगा। राजीव ने तुरंत हां कह दी।
राजीव ने फिर पेपर नैपकिन पर सोनिया के लिए एक कविता लिखा और उसे वाइन की बोलत के साथ सोनिया को भेज दी। यही से शुरू हुई थी दोनों की लवस्टोरी। एक इंटरव्यू में राजीव ने कहा भी था, 'सोनिया को पहली बार देखकर ही मैं समझ गया था कि यही वो लड़की है जो मेरे लिए बनी है। वो बहुत स्ट्रेट फॉरवर्ड और आउटस्पोकन है। वह कभी कुछ नहीं छुपाती। वो काफी मिलनसार है।'
वही सोनिया भी पहली नजर में ही राजीव को अपना दिल दे बैठी थी। सोनिया को इस बात का पता नहीं था कि राजीव भारत के सबसे बड़े राजनीतिक घराने से ताल्लुक रखते है। सोनिया एक साधारण परिवार से थी और एक रेस्टोरेंट में पार्ट टाइम नौकरी करती थी।
सोनिया गांधी से की थी शादी
कुछ समय बाद दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई और बात शादी तक पहुंच गई। सोनिया ने अपने परिवारवालों को खत लिखकर राजीव के बारे में बताया था। खत में सोनिया ने लिखा था, 'मैं एक भारतीय लड़के से प्यार करती हूं। वह एक खिलाड़ी है। नीली आंखों वाले ऐसे ही राजकुमार का मैं हमेशा से सपना देखती थी।'
शादी के लिए तैयार नहीं थे सोनिया के पिता
सोनिया के पिता इस रिश्ते से खुश नहीं थे। उनके मन में दूर देश में बेटी के रिश्ते को लेकर डर था। वही इसका दूसरा कारण भारत के राजनीतिक हालात भी थे। फिर राजीव खुद सोनिया के घर उनके पिता से उनका हाथ मांगने गए। सोनिया के पिता ने दोनों के सामने शर्त रखी कि वह शादी के लिए तभी राजी होंगे,जब दोनों एक साल तक किसी से नहीं मिलेंगे और इसके बाद भी अगर दोनों को लगेगा कि वह एक-दूजे के बिना नहीं रह सकते तो वह शादी की इजाजत दे देंगे। राजीव-सोनिया ने बड़ी मुश्किल से एक साल बिताया बाद में सोनिया के पिता मान गए।
अमिताभ बच्चन के घर हुई थी शादी
साल 1968 में सोनिया और राजीव गांधी की शादी हुई थी। बता दें कि महानायक अमिताभ बच्चन के घर पर यह कपल शादी के बंधन में बंधा था। दरअसल, अमिताभ और राजीव बचपन के दोस्त थे। दोनों की पहली मुलाकात बिग बी के जन्मदिन पर हुई थी। दोनों का एक-दूसरे के घर आना-जाना लगा रहता था। तेजी बच्चन और हरिवंश राय बच्चन ने ही सोनिया गांधी का कन्यादान किया था। राजीव और सोनिया के रिश्ते के बारे में तेजी बच्चन ने इंदिया गांधी को बताया था। जब सोनिया गांधी पहली बार भारत आई तो उनके रुकने की व्यवस्था अमिताभ बच्चन के यहां की गई थी।
बता दें कि इंदिरा गांधी को इस शादी के लिए मनाने में 2 महीने लगे थे। इस दौरान सोनिया गांधी अमिताभ बच्चन के घर मेहमान बनकर रही थी। यही से उन्होंने सारे भारतीय रीति-रिवाज समझे। शादी के लिए अमिताभ बच्चन की मां तेजी ने उसे साड़ी पहनना सिखाया। यही नहीं उन्होंने खुद सोनिया को अपने हाथों से तैयार किया था और मेहंदी लगाई थी। सोनिया के पेरेंट्स इटली में थे इसलिए अमिताभ बच्चन के माता-पिता ने उनका कन्यादान किया था। साल 1991 में राजीव गांधी की मानव बम से हत्या कर दी गई थी।