उदयपुर (Udaipur). आम तौर पर बच्चों में मिलने वाला दिमागी बुखार बड़ों में मिलने पर जानलेवा साबित होता हैं. इस तरह की शिकायत के साथ भर्ती हुए युवक का बेडवास स्थित जीबीएच जनरल हॉस्पीटल के आईसीयू एवं जनरल वार्ड में निःशुल्क उपचार किया गया और वह पूरी तरह सुरक्षित होकर मंगलवार (Tuesday) को नवें दिन डिस्चार्ज कर दिया गया. इस तरह का सफलतापूर्वक हुए उपचार को अब मेडिसिन विभाग की ओर से मेडिकल जनरल में प्रकाशित होने भेजा गया है.
ग्रुप डायरेक्टर डॉ. आनंद झा ने बताया कि पिछले दिनों तेज बुखार, बेहोशी और ताण की शिकायत के साथ 26 वर्षीय युवक को मावली से परिजन बेडवास स्थित जीबीएच जनरल हॉस्पीटल की इमरजेंसी (Emergency) में लेकर पहुंचे थे. वहां युवक की हालत देखकर उसे मेडिकल आईसीयू में भर्ती किया गया. युवक की एंटीबॉडी, खून की जांच, लंबर पंचर आदि जांचों के बाद स्क्रब एनेकेफलाइटिस का पता चला. आम तौर पर इस तरह के लक्षण बच्चों में पाए जाते हैं, लेकिन बड़ों में मिलने पर उनके लिए जानलेवा साबित होते हैं. ऐसे में डॉक्टर्स के लिए इसे जल्द डायग्नोस करना और उपचार के रूप रेखा तय करना चुनौती पूर्ण रहा.
उसका आईसीयू मैनेजमेंट करते हुए किए गए उपचार के बाद मंगलवार (Tuesday) को नवें दिन युवक पूरी तरह सुरक्षित होने पर हॉस्पीटल से डिस्चार्ज कर दिया गया. युवक का आईसीयू में मेडिसिन विभागध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र गोयल के नेतृत्व में असिसटेंट प्रोफेसर डॉ. जितेश अग्रवाल, डॉ. रूतिक पटेल, डॉ. मनन दवे व टीम ने उपचार किया. इस तरह के जानलेवा केस कम मिलने और कम ही ठीक होने पर अब इस रोगी कि की गई जांच व दिए गए उपचार को अमेरिकन इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस की ओर से मेडिकल जनरल में प्रकाशन के लिए भेजा गया है.