मोटापा बढ़ने से आपको क्या होते हैं नुकसान, आइए जानिए

मोटापा केवल डायबिटीज व हाइपर टेंशन का कारण ही नहीं बनता बल्कि किडनी को भी नुकसान पहुंचाता है. इससे किडनी में फोकल सेगमेंटल ग्लोमेरूलोस्क्लेरोसिस

(एफएसजीएस) बढ़ जाता है जिससे नेफ्रोटिक सिंड्रोम रोग होता है. डायबिटीज व ब्लड प्रेशर होने की स्थिति में क्रॉॅनिक किडनी डिजीज की संभावना रहती है जिसमें किडनी फेल हो सकती है. जब बढ़ता है खतरा- किडनी में छोटे-छोटे छेद होते हैं जो फिल्टर का कार्य करते हैं. एफएसजीएस बढऩे से इन छिद्रों का आकार बढ़ जाता है. ऐसे में फिल्टर का कार्य अच्छा से नहीं होता व शरीर के अन्य हिस्सों में जाने वाला प्रोटीन यूरिन से बाहर निकल जाता है. इन्हें है अधिक खतरा- अधिक वजन वाले लोग, ब्लड प्रेशर व डायबिटीज के मरीज, मेडिकल हिस्ट्री और धूम्रपान करने वाले लोगों को इसका खतरा अधिक रहता है. जरूरी जांचें- सबसे पहले जानकार यूरिन की रुटीन जाँच कराते हैं. आवश्यकता पडऩे पर किडनी फंक्शन टैस्ट व बायोप्सी भी करवाते हैं. इस रोग का उपचार दवाओं से संभव है लेकिन इसमें सालभर तक का समय लगता है. लक्षण- शरीर में सूजन, भूख न लगना, यूरिन कम या न कर पाना आदि. हैल्दी टिप्स- वजन नियंत्रित रखें, ज्यादा से ज्यादा पानी और तरल पदार्थ लें. नमक कम खाएं व खाने में ऊपर से न डालें. धूम्रपान व शराब से पूरी तरह तौबा करें. प्रतिदिन वॉक, साइक्लिंग, योग व प्राणायाम करें.

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