यूरिन का क्या बदलता हैं रंग, आइए जानिए कारण

किडनी शरीर में पानी की मात्रा, नमक और मिनरल्स को संतुलित रखती है. यूरिन के हल्के-गहरे रंग को देखकर पता चलता है कि शरीर कितना डिहाइड्रेट हो रहा है. सामान्यत: यूरिन हल्के पीले रंग या सफेद रंग का होता है. इसके गाढ़ा पीला होने व नारंगी कलर होने पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है. जानते हैं इसके बारे में-

पारदर्शी और हल्का पीलापन अपनी रोजाना की दिनचर्या में पर्याप्त मात्रा में 2.5 से 3 लीटर पानी पीते हैं तो शरीर का डिटॉक्सीफिकेशन होता है. यूरिन हल्का पीला और पारदर्शी होने कि सम्भावना है. विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं. सारे दिन में 1.5 से 2 लीटर तक यूरिन निकलना चाहिए. औसत वयस्क के लिए 24 घंटे की अवधि में 4 से 10 बार पेशाब की यात्रा को सामान्य माना जाता है.
गाढ़ा पीला यूरिन जब यूरिन गाढ़े पीले रंग का दिखता है तो इसका अर्थ होता है कि शरीर में पानी की कमी है. ऐसे में ज्यादा पानी पीना चाहिए. पानी अनावश्यक खनिज और कैमिकल्स को पतला कर यूरिन के जरिए बाहर निकालती है. इससे यूरिन का रंग गाढ़ा पीला हो जाता है. पीलिया के मरीजों का भी यूरिन पीला आता है. लगातार पीला यूरिन आए तो डॉक्टर को दिखाएं.
नारंगी यदि आप किसी तरह की दवा का इस्तेमाल करते हैं तो आपको पेशाब का रंग नारंगी होने कि सम्भावना है. नेचुरल सिट्रस एसिड युक्त पदार्थ के लेने से भी ऐसा होने कि सम्भावना है. यूरिन यदि लाल रंग, जलन और रुक-रुक कर आती है तो चिकित्सक के पास जाना चाहिए.

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