उत्तर प्रदेश सरकार ने उपद्रवियों के खिलाफ ऐक्शन लेने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. वहां देश का पहला संपत्ति क्षति दावा अधिकरण (Property Damage Claims Tribunal) बनाया गया है. इसमें जिन-जिन लोगों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है, वे इन प्राधिकरणों में क्लेम करेंगे, प्राधिकरण वसूली करा कर क्लेम सुनिश्चित कराएगी.
देश का पहला संपत्ति क्षति दावा अधिकरण
योगी सरकार ने इस ट्रिब्यूनल को सिविल कोर्ट जैसी सारी शक्तियां सौंपी हैं. उसका फैसला आखिरी माना जाएगा, जिसके खिलाफ कहीं अपील नहीं हो सकेगी. सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश इसके अध्यक्ष होंगे, संबंधित मंडल के अपर आयुक्त इसके सदस्य रहेंगे. फिलहाल लखनऊ और मेरठ में ट्रिब्यूनल होगा. लखनऊ में 12 मंडलों और मेरठ में 6 मंडलों की वसूली होगी. भरपाई के लिए नुकसान के तीन महीने के अंदर क्लेम करना होगा. फिर मुकदमे के बाद चार्जशीट के आधार पर ट्रिब्यूनल वसूली की कार्रवाई करेगा.
बता दें कि योगी सरकार ने सीएए (संशोधित नागरिकता कानून) के हिंसक विरोध के बाद उपद्रवियों के खिलाफ पोस्टर लगाकर नुकसान की वसूली शुरू की थी. अब यह ट्रिब्यूनल तेजी से इस काम को करेगा ऐसा दावा किया गया है. जानकारी के मुताबिक, सरकारी संपत्तियों को हुए नुकसान की ज्यादातर वसूली हो चुकी है, अब निजी संपत्तियों के नुकसान का भी मुआवजा दंगाइयों से लेने का काम किया जाएगा.
हिट हो रहा योगी फॉर्मूला
दंगाइयों से ही नुकसान की भरपाई का यह फॉर्मूला बाकी जगहों पर भी अपनाया जा रहा है. रेलवे के बाद कर्नाटक ने भी इसे अपनाया है.