कोरोना निगेटिव हो चुके व्यक्तियों को भी आक्सीजन कंसंट्रेटर की सुविधा

कोरोना निगेटिव आने के बाद अस्पताल से घर जा चुके कई लोगों में आक्सीजन स्तर नीचे जा रहा है। ऐसे कोरोना निगेटिव व्यक्तियों को दिल्ली सरकार अगले सप्ताह से आक्सीजन कंसंट्रेटर देगी। जिन लोगों में कोरोना की बीमारी ठीक होने के बावजूद आक्सीजन स्तर कम हो रहा है, उन्हें घर पर आक्सीजन कंसंट्रेटर देने की घोषणा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने की है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'अगले सप्ताह से हम दिल्ली में एक और काम करने जा रहे हैं। दिल्ली में कुछ मरीज ऐसे सामने आए हैं, जिनमें कोरोना तो निगेटिव हो गया है, वो अस्पताल से घर आ गए हैं, लेकिन तीन-चार दिन के अंदर अचानक आक्सीजन स्तर नीचे चला गया और उनकी मौत हो गई। अब ऐसे मरीज, जिनका घर आने के बाद आक्सीजन स्तर कम हो जाता है, उनके घर आक्सीजन कंसंट्रेटर पहुंचाने का काम करने वाले हैं।'
मुख्यमंत्री ने कहा, 'मुझे याद है कि जून के महीने में दिल्ली के अंदर भी कोरोना काफी फैल गया था। कई लोग दिल्ली छोड़ कर जा रहे थे। दिल्ली आने से कई लोग कतरा रहे थे। पूरी दिल्ली के अंदर डर का माहौल था, लेकिन कुछ हफ्तों के अंदर ही दिल्ली के 2 करोड़ लोगों ने अपनी सूझबूझ, अनुशासन और मेहनत से कोरोना महामारी को भी नियंत्रित कर लिया है।'
मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं यह नहीं कहता कि हमने लड़ाई जीत ली है। अभी लंबी लड़ाई लड़नी है। अभी हम जो भी कदम उठा रहे हैं, वह सभी कदम आगे भी जारी रहेंगे। साथ ही और भी कदम उठाने की जरूरत है। लेकिन जो स्थिति हमारी दो महीने पहले थी, आज वह स्थिति काफी नियंत्रित हो चुकी है। दिल्ली में लोगों के अंदर डर काफी कम हुआ है। आज पूरे देश के अंदर दिल्ली के लोगों और दिल्ली मॉडल की चर्चा हो रही है।'
उन्होंने कहा, 'दिल्ली में कोरोना को नियंत्रित करने के लिए कई नए तरीके इजाद किए गए हैं। राज्य सरकार के मुताबिक दिल्ली ने पूरे देश और दुनिया को होम आइसोलेशन की पद्धति दी है। सरकार ने इटली, न्यूयार्क, लंदन की कहानियां पढ़ी। पता चला कि वहां पर लोग बीमार होकर अस्पताल जाते थे और वहां बेड नहीं मिलते थे। इटली के अंदर ऐसी-ऐसी कहानियां सुनने को मिली कि सड़कों पर मरीज पड़े हुए हैं। उनको बेड नहीं मिल रहे है। न्यूयार्क में भी बेड नहीं मिल रहे थे। इतने विकसित देश में बेड की कमी हो गई।'
मुख्यमंत्री ने कहा, 'तब हम लोगों ने सोचा कि जो गंभीर मरीज हैं, बेड सिर्फ उनके लिए होने चाहिए और जो बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले लोग हैं, उनका घर में इलाज करेंगे।'
न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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