गंभीर रोगों से जूझ रहे बीमार लोगो कोरोना वायरस के चलते न आ रहे अस्पताल

कोरोना वायरस महामारी के चलते कैंसर जैसे गंभीर रोगों से जूझ रहे बीमार उपचार के लिये अस्पताल आने से बच रहे हैं. इससे उनका स्वास्थ्य व यहां तक की ज़िंदगी भी खतरे में पड़ गया है. डॉक्टरों ने बोला कि उन्होंने ऐसे मरीजों को खो दिया है जिनकी जिंदगी समय पर अस्पताल आने से या तो बच सकती थी या फिर उनकी हालत में सुधार होने कि सम्भावना था.वसंत कुंज के फोर्टिस अस्पताल में सिर, गर्दन व स्तन ऑन्कोप्लास्टी विभाग के प्रमुख चिकित्सक मंदीप एस मल्होत्रा ने बोला कि मार्च में उनके दो रोगियों के स्तन में गांठ पाई गई थी. इन रोगियों में से एक आईएएस ऑफिसर जबकि एक आईटी कंसल्टेंट थीं व दोनों की आयु 45 साल थी. कोविड-19 के भय के चलते उन्होंने न तो अस्पताल को व न ही स्त्री रोग जानकार या पारिवारिक डॉक्टर को उसकी जानकारी दी. अब दोनों चौथे चरण के स्तर कैंसर से पीड़ित हैं.उन्होंने 42 वर्षीय एक आदमी के बारे में भी बताया जो कैंसर से पीड़ित था. मल्होत्रा ने कहा, ''वह मुंह के कैंसर से उबर चुके थे, लेकिन लॉकडाउन के दौरान दोबारा शिकायत हुई. उन्होंने मुझे तस्वीर भेजी, तो मैंने उन्हें यहां आने के लिये कहा. मैंने उनसे बोला कि वह आवश्यक अनुमति लेकर मेरे पास आ सकते हैं.

वह तीन महीने बाद वापस आए, लेकिन तब तक उनकी मस्तिष्क को रक्त पहुंचाने वाली धमनी में परेशानी बढ़ चुकी थी. इस हफ्ते की शुरूआत में कैंसर से उनकी मृत्यु हो गई.''डॉक्टरों ने बोला कि बीमार पित्ताशय से पथरी निकालने के लिये होने वाली साधारण सर्जरी कराने में भी देरी कर रहे हैं, जिससे बाद में दिक्कतें खड़ी हो सकती हैं.

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