पिता की निगरानी में होगी पीवी सिंधु की ट्रेनिंग, Corona से बचाने के लिए उठाया कदम

टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में पीवी सिंधु (PV Sindhu) भारत (India) के लिए मेडल की बड़ी दावेदार हैं. रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर उन्होंने ये संदेश तो दे ही दिया था कि वो मानसिक तौर पर ओलंपिक का दबाव झेलने की काबिलियत रखती हैं. पीवी सिंधु अब टोक्यो ओलंपिक में अपने मेडल का रंग बदलना चाहती हैं. करोड़ो हिंदुस्तानियों का भी सपना यही है कि वो देश की झोली में एक गोल्ड मेडल डाल दें. लेकिन उनके रास्ते की असली मुसीबत है कोरोना.

पहले तो कोरोना की वजह से लंबे समय तक ट्रेनिंग बंद रही. हाल ही में जब हैदराबाद की पुलेला गोपीचंद एकेडमी में ट्रेनिंग शुरू भी हुई तो कोरोना ने काम बिगाड़ दिया. इसी एकेडमी में ट्रेनिंग कर रही डबल्स खिलाड़ी एन सिक्की रेड्डी को कोरोना संक्रमित पाया गया. इसके अलावा एक फिजियोथेरेपिस्ट भी कोरोना की चपेट में हैं. ऐसे में एकेडमी को सेनेटाइज करने के लिएं बंद करना पड़ा.
अब पीवी सिंधु के पिता ने बेटी की ट्रेनिंग पर कड़ी निगरानी रखने का जिम्मा खुद उठा लिया है. इस संदर्भ में उन्होंने टीम के नेशनल कोच पुलेला गोपीचंद से बात भी की है.
पीवी सिंधु के पिता ने अपने कंट्रोल में ली बेटी की ट्रेनिंग
पीवी रमन्ना पीवी सिंधु के पिता है. वो खुद भी वॉलीबॉल खिलाड़ी रहे हैं. 1986 में एशियन गेम्स में ब्रांज मेडल जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे हैं. अर्जुन अवॉर्डी हैं. जाहिर है खेल की तमाम बारीकियों को वो अच्छी तरह समझते हैं. उन्होंने ताजा परिस्थितियों के तहत नेशनल कोच पुलेला गोपीचंद को कहा है कि पीवी सिंधु जब तक ट्रेनिंग करेंगी तब तक कोर्ट में पीवी, पुलेला और कोच पार्क टी सैंग के अलावा और कोई नहीं होना चाहिए.
उन्होंने बताया, "मैंने पुलेला गोपीचंद को बता दिया है कि 6 से 8.30 के सेशन के लिए जब पीवी सिंधु ट्रेनिंग शुरू करेगी तो मैं पहले 5.30 बजे कोर्ट आऊंगा. मैं व्यक्तिगत तौर पर इस बात की जांच करूंगा कि कोर्ट को किस तरह सेनेटाइज किया गया है. हम 8.30 पर निकल जाएंगे. इसके बाद वो अपना अगला सेशन शुरू कर सकते हैं. लेकिन सिंधु को जो समय दिया गया है उसमें अगर कोई और हॉल के अंदर आता है तो अगले दिन से सिंधु वहां ट्रेनिंग नहीं करेंगी."
गोपीचंद ने बताई अपनी परेशानी
पीवी रमन्ना चाहते थे कि पुलेला गोपीचंद पीवी सिंधु के लिए 'एक्सक्लूसिव' ट्रेनिंग सेशन करें. लेकिन नेशनल कोच होने के नाते पुलेला गोपीचंद के लिए ये संभव नहीं हैं. उन्हें ओलंपिक की तैयारी कर रहे बाकी खिलाड़ियों के खेल पर भी नजर रखनी है. जिसमें साई प्रणीत और किंदाबी श्रींकात जैसे खिलाड़ी शामिल हैं.
पीवी सिंधु के पिता पीवी रमन्ना ने बताया कि उन्होंने कोच को अपनी कार भी इसलिए ही दी है कि संक्रमण के खतरे से बचा जा सके. इसके अलावा कोर्ट और नेट्स को सेनेटाइज करना, अपने लिए शटल कॉक लाना जैसे काम भी उनके पिता कर रहे हैं.

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