अब Noise Pollution करना पड़ सकता है महंगा, देना होगा एक लाख रुपये तक का जुर्माना

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) ने सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) द्वारा प्रस्तावित ध्वनि प्रदूषण मानदंडों (Noise Pollution Norms) के उल्लंघन के लिए भारी जुर्माने की मंजूरी दे दी है. अगर अब कोई भी ध्वनि प्रदूषण करता हुआ पाया गया, तो उसे एक लाख रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है.

देशभर में लागू किया जा सकता है मुआवजा पैमाना
11 अगस्त के एक आदेश में, NGT के अध्यक्ष आदर्श कुमार गोयल ने राजधानी दिल्ली में ध्वनि प्रदूषण नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज एसपी गर्ग की अध्यक्षता में एक निगरानी समिति के गठन का भी आदेश दिया है.
12 जून को एनजीटी को सौंपी गई एक रिपोर्ट में, CPCB ने अलग-अलग उल्लंघनों के लिए पेनल्टी का प्रस्ताव दिया था. जुर्माने को मंजूरी देते हुए, गोयल ने कहा, "हमारा विचार है कि डिफॉल्टर्स के लिए CPCB द्वारा निर्धारित मुआवजा पैमाना पूरे भारत में लागू किया जा सकता है. CPCB सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में अनुपालन के उद्देश्य के लिए उचित वैधानिक आदेश जारी कर सकता है."
देनी होगी इतनी पेनल्टी
CPCB की रिपोर्ट के अनुसार, उपकरण जब्त करने के अलावा लाउडस्पीकर और पब्लिक एड्रेस सिस्टम का दुरुपयोग करने पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. 1000 से ज्यादा केवीए क्षमता के डीजल जनरेटर से होने वाले ध्वनि प्रदूषण के लिए एक लाख का जुर्माना लगेगा और उपकरण सील कर दिया जाएगा. कंस्ट्रक्शन साइड पर जितने ध्वनि प्रदूषण की परमिशन मिली है, अगर उससे ज्यादा होता है तो 50 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा और मशीनों को सीज कर लिया जाएगा.
रिहायशी इलाकों में दिन के समय 55 डेसिबल्स (db)(A) नॉइस लेवल की परमिशन है और रात में 45 db (A) की. इंडस्ट्रियल एरिया में दिन में 75 db(A) और रात में 70 db (A) की परमिशन है. हॉस्पिटल और एजुकेशनल इंस्टिट्यूशंस जैसे साइलेंस जोन्स में दिन में 50 db (A) और रात में 40 db (A) तक नॉइस लिमिट की इजाजत है.

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