जयपुर। भाजपा प्रदेश कार्यालय में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उप-नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने संयुक्त प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि सदन में कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जायेगा और कोरोना कुप्रबन्धन, प्रदेश की बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था, कर्जमाफी के नाम पर किसानों के साथ धोखा सहित प्रदेश के विभिन्न मुद्दों को विधानसभा में पुरजोर तरीके से उठाया जायेगा।
डाॅ. सतीश पूनियां ने कहा कि भाजपा विधायक दल की बैठक मंे केन्द्र की मोदी सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई और मोदी सरकार के तमाम ऐतिहासिक फैसलों जिनमें अयोध्या में श्रीराम मंदिर भूमिपूजन, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 एवं 35ए हटाने सहित विभिन्न निर्णायक फैसलों की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि दिखावे के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहकारी संघवाद की बात करते हंै, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह पर बार-बार झूठे आरोप लगाकर अपनी सरकार की असफलताओं से जनता का ध्यान हटाने का असफल प्रयास करते हैं।
प्रदेश की जनता कांग्रेस पार्टी के अन्दर चल रहे झगडे़ एवं उनकी वादाखिलाफी से भली-भांति परिचित है।
डाॅ. पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत नैतिकता और लोकतंत्र की बात करते हैं, लेकिन प्रदेश और देश देख रहा है कि किस तरीके से महीनेभर से विधायकों को बदल-बदल कर होटल के बाड़ों में कैद कर रखा है और जयपुर एयरपोर्ट पर रस्सी लगाकर पुलिस के कड़े पहरे में विधायकों को बसों में बैठाकर होटल ले जाया गया, तो आप देख सकते हैं कि मुख्यमंत्री गहलोत अपने विधायकों से दोयम दर्जे का व्यवहार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि उनके पास संख्या बल है और विधायकों को होटल के बाड़े मंे बंद रखकर वो इतिहास बनाने की भी बात कहते हैं, लेकिन उन पर अविश्वास करके होटल में उनके मोबाइल बंद करवा देते हंै, उन्हें एक-दूसरे से संवाद नहीं करने देते हैं, परिजनों से नहीं मिलने देते हैं, यह मुख्यमंत्री गहलोत का कैसा लोकतंत्र एवं नैतिकता है?
डाॅ. पूनियां ने कहा कि जिन विधायकों पर मुख्यमंत्री ने एसओजी का दुरूपयोग करके राजद्रोह एवं एसीबी में भ्रष्टाचार का केस दर्ज करवाया, फिर उन्हीं विधायकों को मुख्यमंत्री आवास पर बुलाकर मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री गहलोत उनसे मुलाकात करते हैं, इसका मतलब स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री ने षडयंत्रपूर्वक नाराज विधायकों को डराने-धमकाने के लिए एसओजी एवं एसीबी का दुरूपयोग किया।
उन्होंने कहा कि जनता की नजर में कांग्रेस सरकार नैतिक रूप से गिर चुकी है और भाजपा कोरोना कुप्रबन्धन, बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था, किसान कर्जमाफी, महिला अपराध सहित विभिन्न जनहित के मुद्दों को लेकर विधानसभा में मुखर तरीके से कांग्रेस सरकार को घेरेगी और जवाब मांगेगी। उन्होंने कहा कि 32 दिन होटल के बाड़े में विधायकों पर किये गये खर्च का भी कांग्रेस सरकार से जवाब मांगेंगे।
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि विपक्ष के नाते पूरी मजबूती के साथ विधानसभा में जनहित के मुद्दों को उठायेंगे और सरकार को जवाब देने के लिए मजबूर करेंगे। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के नाम पर प्रदेश की जनता से वादाखिलाफी कर रही कांग्रेस सरकार के खिलाफ सदन में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आयेंगे।
उन्होंने कहा कि होटल के बाड़े में बंद होकर मौज-मस्ती करने में व्यस्त सरकार को प्रदेश की जनता की कोई चिंता नहीं है और 55 हजार से अधिक कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन सरकार को आमजन से कोई सरोकार नहीं है।
कटारिया ने कहा कि एसओजी का दुरूपयोग कर सरकार ने विधायकों पर मुकदमे लगाये, फिर हटाये, इस तरह सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग राजस्थान के इतिहास में पहली बार देखने को मिला।
उन्होंने कहा कि बिजली के बिलों में बढ़ोतरी, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता, प्रदेश में बढ़ते अपराध सहित विभिन्न बिन्दुओं को विधानसभा में जोरदार तरीके से उठायेंगे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत कहते हैं कि कांग्रेस के विधायक एकजुट हैं, लेकिन हकीकत यह है कि कोई पूरब जा रहा है, तो कोई पश्चिम जा रहा है, इनकी पार्टी में भगदड़ मची हुई है।
उप-नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि महीनेभर से सरकार अदृश्य है, प्रदेश की जनता मंत्रियों, विधायकों को ढूंढ़ रही है और सरकार पांच सितारा होटल के बाड़े में अपने विधायकों को कैद कर कोरोना काल में प्रदेश की जनता को चिढ़ा रही है और उनके जख्मों पर नमक छिड़क रही हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस में आंतरिक विग्रह एवं झगड़ा है और यह तोहमत भाजपा पर लगाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष के नाते हम पूरी तैयारी के साथ विधानसभा में सक्रिय भूमिका निभायेंगे।