मजबूत रिश्तें में जरूरी है प्राइवेसी
13 अगस्त। एक-दूसरे की प्राइवेसी का ख्याल रखना, एक अच्छे और खुशहाल रिश्ते की नींव होती है। हर रिश्ते की कुछ सीमाएं होती हैं और उस हिसाब प्राइवेसी की सीमाएं भी अलग-अलग होती हैं। एक-दूसरे के प्रति प्यार और विश्वास भी सफल रिश्ते की पहचान होती है। आप दोनों एक-दूसरे से अपनी बातें भले ही शेयर करना पसंद करते हैं, लेकिन कई बार कुछ परिस्थिति में आप सोचते हैं कि क्या ये बात आपको अपने पार्टनर को बतानी चाहिए या नहीं? अन्य वो बातें जिन्हें बताने में हम कम्फर्टेबल नहीं हैं, उन्हें बतानी चाहिए?? ऐसे में प्रश्न उठता है कि एक खुशहाल रिश्ते के बीच कितनी प्राइवेसी होनी चाहिए? आइए जानते हैं इसके बारे में-जानना है जरूरी-
प्राइवेसी में अंतर
इस प्रश्न का उत्तर सभी के लिए अलग-अलग हो सकता है। कुछ लोग अपनी हर बात को बताने से हिचकिचाते नहीं है, वहीं कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो छोटी से छोटी बातों को शेयर करने हैं। अगर आप में और आपके पार्टनर में प्राइवेसी शेयर करने के बीच अंतर है, तो यह आगे चलकर एक समस्या बन सकती है। अर्थात एक को अपनी सारी बातें शेयर करने की आदत है और दूसरे को नहीं। एक का कम्फरटेबल स्पेस दूसरे के लिए अनकम्फर्ट साबित हो सकता है। ऐसे में पार्टनर्स को लगने लगता है कि आप उनकी केयर नहीं करते हैं।
सीक्रेसी और प्राइवेसी
सीक्रेसी और प्राइवेसी दोनों अलग-अलग चीजें होती हैं। जब व्यक्ति प्राइवेसी मेनटेन करके चलता है, तो इसका मतलब साफ है कि वह अपने पाटर्नस से कुछ छिपा रहा है, जो आगे चलकर उसे हर्ट कर सकता है। लेकिन जब बात सीक्रेसी की होती है, तो इसका मलतब होता है कि आप उनसे ऐसी बातें छिपा रहे हैं, जो उन्हें दुख पहुंचा सकता है।
समझने की कोशिश करें
अपने पार्टनर की प्राइवेसी को समझने की कोशिश करें, इससे आपका रिश्ता मजबूत हो सकता है।उनकी प्राइवेसी को लेकर झगड़ा करने से रिश्ते में दरार आ सकती है। अगर आप अपने पार्टनर की चुप्पी से तंग आ गए हैं, जो शांति से पूछने की कोशिश करें आखिर क्या हुआ है? लड़ने और चिल्लाने से समस्या का सोल्यूशन नहीं होता है। उन से डायरेक्ट पूछने की बजाए उन्हें ये महसूस कराएं कि आप उनकी चुप्पी से परेशान हैं और आपको ये बर्दास्त नहीं हो रहा है।
थोड़ी स्पेस भी है जरूरी
कुछ ऐसे मामले होते हैं, जिसमें पार्टनर कुछ टाइम के लिए अकेला रहना चाहते हैं, लेकिन दूसरा इसे गलत समझ लेता है। ऐसे में रिश्ते में दरार आने लगती है। अगर आप उन्हें पर्सनल स्पेस देंगे, तो इससे वे समझेंगे कि आप उन्हें कितना समझ रहे हैं। ऐसे में हो सकता है कि वे आपसे अपनी बातें शेयर करना शुरू कर दें। परेशानी के वक्त उन्हें कम्फर्टेबल महसूस कराएं। यदि आप चाहते हैं कि रिश्तो में मिठास बनी रहे तो आपसी बाउंड्रीज तय कर लें और कोई भी दरार आने से बचे।