सचिन पायलट की फोटो लगी सचिवालय में डंप हो रहीं हजारों किताबें

मदन कलाल राजस्थान में मचे सियासी तूफान के बीच "बुक पॉलिटिक्स" का नया चैप्टर खुल गया है। राजस्थान सचिवालय में हजारों फ्रेश किताबें डंप कर दी गई हैं।

सरकार की सफलता बता रहीं 120 पेजों की इन किताबों में डिप्टी सीएम पद से हटाए गए सचिन पायलट का फोटो छप गया है।
"स्मारिका 2020" में मुख्यमंत्री सहित कई मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों के साथ बड़ी संख्या में सरकारी विज्ञापन भी प्रकाशित हुए हैं।
यदि किताबों का वितरण नहीं हुआ तो सरकार को कोरोना काल में बेवजह लाखों का चूना लगना तय है।सचिवालय में किताबों पर पहरा: राजनीति की कीमत किस तरह भोली-भाली जनता को चुकानी पड़ती है उसकी बानगी हैं ये किताबें। कुछ दिनों पहले छपकर आई इन किताबों के बंडलों को सचिवालय के एक कमरे में जमा कर पहरा लगा दिया गया है।
कुछ अफसरों ने खुद का नाम गोपनीय रखने की शर्त पर सिर्फ इतना कहा-"इनमें डिप्टी सीएम के रूप में सचिन पायलट का फोटो छपा है।
वितरण न होने की शायद यही वजह है। वर्तमान हालत किसी से छुपे नहीं है और अब सचिन डिप्टी सीएम भी नहीं रहे।"क्या होना था उपलब्धियोंभरी स्मारिका का: ये हजारों किताबें सरकारी विभागों, मंत्रियों, विधायकों, अफसरों, सार्वजनिक पुस्तकालयों में वितरित होनी थीं। किताब में एक स्थान पर सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री बताया गया है।
किताबों का वितरण अब कैसे, कब होगा कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। सचिवालय में किताबों की निगरानी कर रहे शख्स ने कहा, ऊपर के आदेश के बाद ही कुछ होगा।अनुत्तरित सवालों की लंबी फेहरिस्त? क्या सचिन पायलट की फोटो हटेगी? किताबें रद्दी होंगी? क्या वितरित होंगी किताबें? किसके आदेश पर हजारों किताबें डंप हुई?
कौन अफसर हैं वितरण रुकवाने के दोषी? जैसे सवाल पूरी तरह अनुत्तरित है। जो भी हो "बुक पॉलिटिक्स" का नया चैप्टर अब खुल गया है। विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले इस पर घमासान होना तय है।

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