वैज्ञानिकों का बोलना है कि एक सामान्य सी रक्त जाँच (Blood test) यह बता सकती है कि किन लोगों को कोरोना वायरस (corona virus) संक्रमण का अधिक खतरा है।
अनुसंधानकर्ताओं ने रक्त में एक ऐसे खास अणु संकेतक (Molecule indicator) की पहचान की है जो कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों में अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम पांच से 10 गुना तक बढ़ा देता है।
फिनलैंड के हेलसिंकी स्थित जैव प्रौद्योगिकी कंपनी नाइटिंगेल हेल्थ के वैज्ञानिकों के अनुसार इस जाँच को यह पता लगाने के लिए प्रयोग किया जा सकता है कि संक्रमण से बचने के लिए किन लोगों को विशेष सावधानी बरतने व किन लोगों को कोविड-19 का टीका पहले दिए जाने की जरूरत होगी।
अनुसंधानकर्ताओं ने पता लगाया कि क्या रक्त संकेतक इस बात का पूर्वानुमान जाहीर कर सकते हैं कि किन लोगों को निमोनिया (Pneumonia) व कोविड-19 जैसी रोंगों के चलते अस्पताल में भर्ती होने का अधिक जोखिम है।
उन्होंने यूके बायोबैंक से एक लाख से अधिक रक्त नमूनों का विश्लेषण किया व रक्त में उपस्थित उस खास अणु संकेतक की पहचान की जो यह बता सकता है कि किन लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने का अधिक जोखिम है। वैज्ञानिकों ने बोला कि जिन लोगों के रक्त में यह अणु संकेतक है, उन लोगों के लिए अस्पताल में भर्ती होने का खतरा पांच से दस गुना अधिक बढ़ जाता है।