भभुआ। जिले के विभिन्न अस्पतालों में दो वर्ष पूर्व छह एक्स-रे टेक्निशियनों की फर्जी नियुक्ति का खुलासा कराते हुए उनके विरूद्ध प्राथमिक दर्ज करने का आदेश जारी कर सिविल सर्जन भले ही खुद से अपनी पीठ थप थपा रहे हैं, लेकिन उन्होंने आदेश जारी करने से पूर्व जानने का प्रयास नहीं किया कि उक्त लोगों में कौन जीवित हैं। इसके चलते अनुमंडल अस्पताल मोहनियां में दो वर्ष पूर्व नियुक्त एक्स-रे टेक्निशियन अजीत कुमार की नियुक्ति के दो माह बाद ही अस्वस्थ होने के कारण पटना में इलाज के दौरान मौत हो गई। इसकी पुष्टि अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक चंदेश्वरी प्रसाद रजक ने करते हुए बताया कि उसको किसी भी प्रकार का भुगतान नहीं किया गया था। ऐसे में यह सवाल उठता है कि मोहनियां में पदस्थापित एक्सरे टेक्नीशियन की मौत के बाद भी कैसे वह अब तक सदर अस्पताल के अभिलेखों में जीवित रहा।
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ज्ञात हो कि वर्ष 2018 में छह एक्स-रे टेक्निशियनों की नियुक्ति राज्य स्तर से की गई। तत्कालीन सीएस ने आदेश का अनुपालन कराते हुए चांद, चैनपुर, भगवानपुर, कुदरा, सदर अस्पताल व मोहनियां में योगदान करा दिया। संम्पुष्टि के बाद उन्हें वेतन भी दिया जाने लगा था। वर्तमान सिविल सर्जन डॉ अरूण कुमार तिवारी ने क्षेत्र भ्रमण के दौरान आशंका होने पर उपरोक्त छह एक्स-रे टेक्निशियनों के संबंध राज्य स्वास्थ निदेशक से मार्ग दर्शन मांगा था। निदेशक ने जांच के बाद उपरोक्त छह लोगों की नियुक्ति को फर्जी बताते हुए उपरोक्त लोगों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का सीएस को आदेश दिया। आदेश के आलोक में सीएस ने संबंधित प्रखंड के पीएचसी प्रभारियों को उपरोक्त लोगों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश निर्गत कर दिया था।
Posted By: Jagran
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