बक्सर : ब्रह्मपुर के पंचायत सचिव की हत्या मामले में संलिप्त दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी के बावजूद अभी हत्या के कारणों का रहस्य बना हुआ है। हालांकि, गिरफ्तार अभियुक्तों के अनुसार पंचायत योजना के पैसों के लेनदेन में पंचायत सचिव की हत्या कराने की बात सामने आई है। बावजूद इसके पुलिस को इस बात पर यकीन नहीं हो रहा है? कि क्या एक मुखिया इसके लिए इस हद तक भी गिर सकता है?
इस संबंध में पुलिस अधीक्षक उपेंद्रनाथ वर्मा ने कहा कि गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ के दौरान योजना के पैसों को लेकर हत्या करने की बात बताई है। लेकिन यह बात अभी तक पच नहीं रही है। क्योंकि एक मुखिया होने के नाते और भी कई रास्ते थे जिनके माध्यम से वो पंचायत सचिव से पैसों की उगाही कर सकता था। लेकिन इसके लिए हत्या का ही मार्ग चुना जाना कुछ अटपटा जरूर लगता है। बाहरहाल इसके पीछे क्या कुछ सच्चई है इसका तो बगेन मुखिया की गिरफ्तारी के बाद ही खुलासा हो पाएगा। फिलहाल उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार प्रयासरत बनी हुई है, और उसके हर संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। बताते चलें कि 27 जुलाई को डुमरांव स्थित घ्रर से अपने कार्यस्थल जाने के लिए निकलने के बाद ब्रह्मपुर के पंचायत सचिव श्याम किशोर सिंह लापता हो गए थे। बाद में खोजबीन के क्रम में 29 जुलाई की शाम रोहतास के करगहर नहर से उनका शव बरामद किया गया। मामले की तफ्तीश के क्रम में इस बात का खुलासा हुआ कि बगेन मुखिया ने ही पंचायत सचिव की हत्या कराई थी। जिसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी के दौरान मुखिया के दो अन्य सहयोगी गिरफ्तार कर लिए गए। जिन्होंने पंचायत सचिव की हत्या की बात कबूल करने के साथ ही घटना में बगेन मुखिया रंजीत कुमार चौधरी के हाथ होने की बात का खुलासा किया। बावजूद इसके बगेन मुखिया अभी तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका है। जिसकी गिरफ्तारी के बाद अभी कई सारे रहस्यों से पर्दा उठने की संभावना है।
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Posted By: Jagran
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