Covid-19 Vaccine: रूस ने बना ली दुनिया की पहली कोविड-19 वैक्सीन, जानिये इस वैक्सीन से जुड़ीं 10 खास बातें

कोरोना वायरस संकट के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि देश में विकसित कोविड-19 टीके का पंजीकरण कर लिया गया है और एक टीका उनकी बेटी को पहले ही लगाया जा चुका है। पुतिन ने मंगलवार को एक सरकारी बैठक में कहा कि टीका परीक्षण में खरा उतरा है और कोरोना वायरस के खिलाफ मानव की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में सफल रहा है।

पुतिन की बेटी को दिया गया टीका उन्होंने रेखांकित किया कि टीका परीक्षण के आवश्यक चरणों से गुजरा है। उनकी दो बेटियों में से एक को यह टीका दिया गया है और वह अच्छा महसूस कर रही है।
पहले चिकित्साकर्मियों को लगेगा टीका रूस के अधिकारियों ने कहा है कि टीका सबसे पहले चिकित्साकर्मियों, शिक्षकों और जोखिम की जद वाले समूहों से जुड़े लोगों को लगाया जाएगा। रूस कोविड-19 टीके का पंजीकरण करने वाला पहला देश है।

संदेह में है टीका दुनियाभर में अनेक वैज्ञानिक इस कदम को संदेह की दृष्टि से देख रहे हैं और तीसरे चरण के परीक्षण से पहले टीके का पंजीकरण करने के निर्णय पर सवाल उठा रहे हैं। किसी भी टीके का तीसरे चरण का परीक्षण आम तौर पर हजारों लोगों पर महीनों तक चलता है।
गैमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बनाया टीका बताया जा रहा है कि इस वैक्सीन को मॉस्को के गैमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा बनाया गया है और इसे पंजीकरण के बाद जल्द ही सार्वजनिक उपयोग के लिए अनुमति मिल सकती है।
तीसरे चरण का ट्रायल अभी बाकी इस वैक्सीन ने जुलाई के दूसरे सप्ताह में ह्यूमन ट्रायल का पहला चरण पूरा किया था और इसका दूसरा चरण 13 जुलाई को शुरू हुआ था। आमतौर पर किसी वैक्सीन को सार्वजनिक उपयोग के लिए तब तक अनुमति नहीं मिलती है, जब तक वो मानव परीक्षणों के तीन चरणों को पूरा नहीं करती है। रूस के इस टीके का तीसरा चरण अभी बाकी है।
सितंबर में शुरू हो सकता है उत्पादन रिपोर्ट में कहा गया है कि वैक्सीन का उत्पादन सितंबर में शुरू होने की उम्मीद है। जब तक परीक्षण पूरा नहीं हो जाता, तब तक यह टीका केवल स्वास्थ्य पेशेवरों को ही दिया जाएगा।

सफल रहे परिणाम चेक-अप में सामने आया है कि वैक्सीन ने वालंटियर्स में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाया है। सबसे बड़ी बात कि वालंटियर्स के शरीर में इसका कोई दुष्प्रभाव या समस्या नहीं पाई गई है।
लोगों में विकसित हुई प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता रूस ने कहा कि क्लिनिकल ट्रायल में जिन लोगों को यह वैक्सीन लगायी गयी, उन सभी में सार्स-सीओवी-2 के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता पायी गयी। यह ट्रायल 42 दिन पहले शुरू हुआ था। उस समय वॉल‍ंटियर्स को मॉस्को के बुरदेंको सैन्य अस्पताल में कोरोना वैक्सीन लगायी गयी थी।
हर महीने होगा कई मिलियन डोज का निर्माण बताया जा रहा है कि रूस अगले साल की शुरुआत तक प्रति माह कोरोना वायरस के कई मिलियन डोज का निर्माण करेगा।
नहीं दिखा कोई साइड इफेक्ट जांच परिणाम की वैक्सीन की तारीफ हुई है। समीक्षा के परिणामों से यह स्पष्ट रूप से सामने आया है कि वैक्सीन लगने की वजह से लोगों के अंदर मजबूत रोग प्रतिरोधक प्रतिक्रिया विकसित हुई है। कहा कि किसी भी वॉलंटियर में कोई भी नकारात्मक साइड इफेक्ट नहीं आयी।

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