10 घंटे में करें ब्रेकफास्ट से डिनर हाई शुगर, कोलेस्ट्रॉल, बीपी से राहत पाएं

हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि जो व्यक्ति अपने सुबह के नाश्ते से लेकर रात के भोजन तक खान-पान की संपूर्ण प्रक्रिया 10 घंटे के भीतर पूरी कर लेते हैं, उनमें ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल का लेवल तो दुरुस्त रहता ही है उन्हें अपने वजन पर नियंत्रण में भी मदद मिलती है। यानी अगर आपने सुबह का नाश्ता 9 से 10 के बीच किया है तो आपको रात का भोजन 7:00 से 8:00 के बीच कर लेना चाहिए। शरीर की जैविक घड़ी और ऊर्जा के इस्तेमाल के बीच संबंध स्थापित करने वाली यह रिसर्च भारतीय मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक प्रोफेसर सच्चिदानंद पांडा ने की है।

यूएस स्थित साल्क इंस्टीट्यूट में पांडा और उनकी टीम ने मेटाबोलिक सिंड्रोम से पीड़ित स्त्री-पुरुषों पर अध्ययन करने पर पाया कि हर रोज 14 घंटे लगातार भूखे रहने और किसी प्रकार का फूड इनटेक 10 घंटे की समय सीमा में संपन्न कर लेने की आदत सेहत पर कई तरह से सकारात्मक असर डालती है।
मेटाबोलिक सिंड्रोम ऐसी समस्या है, जिसमें पीड़ित व्यक्ति 5 रिस्क फैक्टर्स जैसे हाई फास्टिंग ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर, ट्राईग्लिसराइड लो गुड कोलेस्ट्रॉल और एब्डोमिनल ओबेसिटी में से तीन का शिकार हो जाता है, जो डायबिटीज और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का सबब बन जाते हैं।
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शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों ने 10 घंटे की समय सीमा में अपना भोजन ले लिया और बाद के 14 घंटे निराहार यानी पूरी तरह उपवास पर रहे, उनमें एब्डोमिनल फैट, वेट, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और फास्टिंग शुगर में गिरावट दर्ज की गई। सेल मेटाबोलिज्म रिसर्च जर्नल में प्रकाशित इस रिपोर्ट में यह बताया गया है। इसका निष्कर्ष यही है कि पाचन तंत्र को 12 से 14 घंटे का विश्राम देना फायदेमंद है।

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