अबकी बार दो दिन मनाई जाएगी श्री कृष्णा जन्मआष्ट्मी, जाने क्यों

11 अगस्त को भरणी और 12 अगस्त को कृतिका नक्षत्र है. इसके बाद रोहिणी नक्षत्र आता है जो 13 अगस्त को रहेगा. इसीलिए कुछ स्थानों पर इस दिन भी जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है.इस बार पंचांग के अनुसार अष्टमी की तिथि 11 अगस्त यानि आज सुबह 9 बजकर 6 मिनट से आरंभ हो रही है. अष्टमी की तिथि 12 अगस्त को सुबह 11 बजकर 16 मिनट पर समाप्त हो रही है.

जन्माष्टमी के दिन रात को पूजा करने का समय सही होता है. क्योंकि, भगवान कृष्ण का जन्म आधी रात को ही हुआ था. 12 अगस्त को पूजा का शुभ समय रात 12 बजकर 5 मिनट से लेकर 12 बजकर 47 मिनट तक है. पूजा की अवधि 43 मिनट है.
आपको ध्यान देना है कि भगवान कृष्ण के लिए आपने जो वस्त्र खरीदे हैं वो नए ही हो. अक्सर दुकानदार पुराने कपड़ों को ही नया बताकर बेच देते हैं. इस बात का आपको जरूर ध्यान रखना है. जगन्नाथ पुरी, बनारस और उज्जैन में कृष्ण जन्माष्टमी 11 अगस्त को मनाई जाएगी. क्योंकि 11 अगस्त से अष्टमी तिथि आरंभ होगी.मथुरा और द्वारिका में जन्माष्टमी 12 अगस्त के दिन ही मनाई जाएगी. अधिकतर स्थानों पर 12 अगस्त को ही जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा. इस साल 43 मिनट का पूजा का मुहूर्त है. जो रात्रि 12 बजकर 5 मिनट से 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा. इस मुहूर्त में श्रीकृष्ण जन्म की पूजा कर सकते हैं. यानि कृष्ण जन्मोत्सव का पर्व 12-13 अगस्त की रात में मनाया जाएगा.

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