बक्सर : आज मंगलवार को नटखट ललना घर-घर पलना में झूलेंगे। प्रत्येक वर्ष के भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्णजन्माष्टमीमनाए जाने की परंपरा रही है और आज अष्टमी तिथि है। हालांकि, ज्योतिषाचार्यों की मानें तो पंचांग रूपेण इस साल यह त्योहार 11,12 व 13 तारीख को यानी तीन दिन पड़ रहा है। परंतु, हिदू धर्म में मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को ही भगवान श्रीकृष्ण जी का जन्म हुआ था और वह भी तब, जब निशीथ काल (यानी रात्रि) में अष्टमी तिथि में चन्द्रोदय रहा हो।
इस बाबत आचार्य मुक्तेश्चरनाथ शास्त्री जी ने बताया की आज मंगलवार को प्रात: 6 बजकर 14 मिनट से अष्टमी तिथि प्रारंभ होकर अगले दिन बुधवार को दिन में 8 बजकर 1 मिनट तक रह रही है। वहीं, चन्द्रोदय रात्रि 11 बजकर 21 मिनट पर हो जा रहा है। अत: अष्टमी तिथि में चन्द्रोदय का योग पूर्णत: प्राप्त होने के कारण स्मार्त जन (गृहस्थ) द्वारा श्रीकृष्णजन्माष्टमी मंगलवार को ही मनाया जाना उचित होगा। मान्यता अनुसार भक्त जन इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उपवास रखने के साथ ही भजन-कीर्तन और विधि-विधान से पूजन करेंगे।
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मठ मंदिरों में श्रीकृष्णजन्मोत्सव कल
संप्रादयानुसार कुछ वैष्णव महात्मा गण इस व्रत को तब मनाते हैं जब सूर्य का उदय अष्टमी तिथि में हो, भले ही रोहिणी नक्षत्र एवं अष्टमी तिथि रात्रि में न हो। अत: अष्टमी तिथि में सूर्योदय बुधवार को होने के कारण वैष्णव संप्रदाय से जुड़े मठ मंदिरों में श्री कृष्ण जन्माष्टमी बुधवार को ही मनाई जाएगी। इस बाबत नया बाजार स्थित श्रीसीताराम विवाह महोत्सव आश्रम के महंत राजाराम शरण जी महाराज ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव पर्व बुधवार को मनाया जाएगा। इसी दिन मथुरा, वृंदावन, काशी आदि धर्म स्थलों पर भी मनाई जा रही है। साथ ही, आश्रम पर पहुंचने वाले भक्त जनों से अपील किया है कि वे इस दौरान मास्क का उपयोग व एक दूसरे के बीच दो गज की शारीरिक दूरी का अनुपालन अवश्य करें। रामानुज संप्रदाय गुरुवार को मनाएगी जन्माष्टमी
श्रीसम्प्रदायानुयायी श्रीमद्रामानुजीश्रीवैष्णवजन का श्रीकृष्णजन्माष्टमी व्रत गुरुवार को होगा। आचार्य के अनुसार सर्वमत में यह ग्राह्य और विधि बचन है कि जयन्ती व्रत नक्षत्र प्रधान होना चाहिए जब कि पुण्य तिथि व्रत तिथि प्रधान होगा। इस सार्वभौम नियम का तथा चन्द्र वंशावतरित श्रीकृष्ण की जयन्ती श्रीकृष्णजन्माष्टमी व्रत को ये लोग तब मनाते हैं जब सूर्योदय रोहिणी नक्षत्र मे होता है। अत: बुधवार की रात्रि 01: 29 बजे से रोहिणी नक्षत्र प्रारम्भ हो रही है जो गुरुवार को 03:14 बजे तक रह रही है। अत: श्रीरामानुज सम्प्रदायानुगत श्रीवैष्णव श्रीकृष्णजन्माष्टमी व्रत गुरुवार को मनाएंगे।
Posted By: Jagran
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