10 अगस्त। हिंदू धर्म में चांदी को बहुत शुभ और पवित्र माना जाता है। पहले के समय में लोग चांदी की थाली या केले के पत्ते पर भोजन करना सेहत के लिए फायदेमंद मानते थे। चांदी एक ऐसी धातु है जिसमें भोजन करने से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रुप से स्वस्थ रहता है। महिलाएं भी शरीर के कई विकारों को दूर करने के लिए चांदी के आभूषण पहनती हैं। पूजा में भी चांदी के बने कई पात्रों का इस्तेमाल किया जाता है।
वैसे तो चांदी के बर्तन में भोजन करना हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन शिशु के जन्म के छह महीने बाद यदि उसे चांदी के बर्तन में खाना और पानी का सेवन कराया जाए तो बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास बेहतर होता है और बच्चा स्वस्थ एवं रोगों से मुक्त रहता है। चांदी के बर्तन में बच्चों को भोजन खिलाने से पेट दर्द, डायरिया सहित पेट से जुड़ी अन्य बीमारियां दूर हो जाती हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती हैं
चांदी के बर्तन में खाना खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती हैं। हम आमतौर पर अपने घरों में जिन बर्तनों का इस्तेमाल करते हैं उनका खाना बनाते वक्त कुछ न कुछ अंश भोजन में मिल जाता हैं। बच्चों का इम्यून सिस्टम बड़ों के जितना मजबूत नहीं होता हैं जिसके चलते खाना खाने से बच्चे बीमार पड़ सकते हैं। जबकि चांदी के बर्तन में ऐसा नहीं होता हैं। इन बर्तनों में खाना खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती हैं।
सर्दी-जुकाम से बचाएं
चांदी के गिलास में पानी पीने से सर्दी-जुकाम की समस्या दूर होती है। वहीं इसका इस्तेमाल पित्त बढ़ने की समस्या या पित्त दोष को दूर करने में बेहद असरदार होता है।
शरीर में ठंडक देना
चांदी का सबसे बड़ा फायदा यह हैं कि यह धातु ठंडे स्वभाव का होता है और शरीर को ठंडक देता है। जिस तरह चांदी के ज्वैलरी पहनने से शरीर को ठंडक मिलती है और गुस्सा शांत रहता हैं, उसी तरह चांदी के बर्तन में रखी चीजें खाने से भी शरीर को ठंडक मिलती हैं। गर्मी के मौसम में बच्चों को चांदी के गिलास में दूध पिलाने से या खाना खिलाने से बहुत फायदा मिलता हैं।
कीटाणु रहित
चांदी हमेशा कीटाणु रहित एवं संक्रमण रहित होती हैं। इसमें एंटी माइक्रोबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं। इस के बर्तनों का उपयोग करने से हमें बीमारियों से बचाता है और शुद्धता प्रदान करता हैं। इसलिये चांदी शुद्धता का प्रतीक मानी जाती है।
फिल्टर का काम करती है चांदी
ये बर्तन प्राकृतिक रूप से गैर-विषाक्त यानी नॉन टॉक्सिक होता है इसलिए चांदी के बर्तनों में पानी, दूध या कोई और तरल पदार्थ रखने से उनमें ताजापन आता है। पहले समय में पानी साफ करने के लिए वॉटर फिल्टर नहीं होते थे। ऐसे में लोग पानी को साफ और शुद्द करने के लिए चांदी के बर्तनों में रख देते थे। यहां तक की वाइन को भी खराब होने से बचाने के लिए चांदी के जार में रखा जाता था।
आंखो के लिए फायदेमंद
चांदी में आंखों की रोशनी तेज करने के गुण पाएं जाते हैं। आंखो में किसी प्रकार के संक्रमण से भी राहत मिलती हैं। जब आंखों में गर्मी के वजह से दाना निकल आता है तो लोग उस पर चांदी का आभूषण रगड़ने की सलाह देते हैं।
याददाश्त बढ़ाए
बच्चों के लिए चांदी के बर्तन में भोजन करना इसलिए भी फायदेमंद होता हैं। यह दिमाग को शांत रखकर याददाश्त को बढ़ाने में मदद करता हैं।