वही हुआ न तेरा दिल, भर गया मुझसे.कहा था न ये मोहब्बत नहीं हैं

अपने वजूद पर इतना न इतरा . ए ज़िन्दगी.वो तो मौत है जो तुझे मोहलत देती जा रही है ।वही हुआ न तेरा दिल, भर गया मुझसे.कहा था न ये मोहब्बत नहीं हैं, जो तुम करती हो.!!चाँद निकलेगा तो दुआ मांगेंगे;अपने हिस्से में मुकदर का लिखा मांगेंगे;हम तलबगार नहीं दुनिया और दौलत के;हम रब से सिर्फ आपकी वफ़ा मांगेंगे!

हम तो तेरे दिल की महफ़िल सजाने आए थे;तेरी कसम तुझे अपना बनाने आए थे;किस बात की सजा दी तुने हमको बेवफा;हम तो तेरे दर्द को अपना बनाने आए थे।वही हुआ न तेरा दिल, भर गया मुझसे.कहा था न ये मोहब्बत नहीं हैं, जो तुम करती हो.!!क्या कशिश थी उस की आँखों में.. मत पूछो.मुझ से मेरा दिल लड़ पड़ा मुझे यही चाहिये.??

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