आयुर्वेद में तुलसी का क्यों हैं इतना बड़ा महत्व, आइए जाने

आयुर्वेद में तुलसी के गुणों का विस्तार से वर्णन किया गया है. एंटीबाोटिक होने के साथ ही यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर उसे कोरोना जैसे जानलेवा वायरस से लडऩे में सक्षम बनाती है.

दूध के भी भिन्न-भिन्न गुणों का वर्णन आयुर्वेद मेंं मिलता है. विशेषकर ठंडे व गर्म दूध के भिन्न-भिन्न फायदों के अतिरिक्त इसे किन चीजों के साथ लेने पर यह ज्यादा लाभकारी है इसकी भी जानकारी है. बात करें व तुलसी व दूध की तो दोनों का एक साथ उपयोग करना बहुत ज्यादा लाभदायक है. चूंकि तुलसी की पत्तियां औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं. सर्दी-जुकाम होने या वायरल फीवर से उबरने के लिए चाय में तुलसी की पत्तियों का उपयोग किया जाता है. पौराणिक महत्व से अलग तुलसी एक जानी-मानी औषधि भी है, जिसका प्रयोग कई बीमारियों में किया जाता है.
सर्दी-खांसी से लेकर कई बड़ी व भयंकर बीमारियों में भी एक अच्छा औषधि है. आयुर्वेद में तुलसी के पौधे के हर भाग को स्वास्थ्य के लिहाज से लाभकारी बताया गया है. तुलसी की जड़, शाखाएं, पत्ती व बीज सभी का अपना-अपना औषधीय महत्व है. आमतौर पर तुलसी देखने को मिलती हैं, एक जिसकी पत्तयिों का रंग गहरा होता है औ दूसरा जिसकी पत्तियों का रंग हल्का होता है. यौन-रोगों की दवाइयां बनाने में तुलसी खास तौर पर प्रयोग की जाती है. तुलसी के रामवाण फायदे इस प्रकार हैं-
01. यौन रोगों के उपचार में पुरुषों में शारीरिक कमजोरी होने पर तुलसी के बीज का प्रयोग बहुत ज्यादा लाभकारी होता है. इसके अतिरिक्त यौन-दुर्बलता व नपुंसकता में भी इसके बीज का नियमित प्रयोग लाभकारी रहता है. 02. अनियमित पीरियड्स की समस्या में अक्सर स्त्रियों को पीरियड्स में अनियमितता की शिकायत होती है. ऐसे में तुलसी के बीज का प्रयोग करना लाभकारी होता है. मासिक चक्र की अनियमितता को दूर करने के लिए तुलसी के पत्तों का भी नियमित उपयोग किया जा सकता है. 03. सर्दी में खास लाभदायक अगर आपको सर्दी या हल्का बुखार महसूस हो रहा है तो मिश्री, काली मिर्च व तुलसी के पत्ते को पानी में अच्छी तरह से पकाकर उसका काढ़ा पीने से लाभ होता है. आप चाहें तो इसकी गोलियां बनाकर भी खा सकते हैं.
04. दस्त होने पर असरदार अगर आप दस्त से परेशान हैं तो तुलसी के पत्तों का उपचार आपको फायदा देगा. तुलसी के पत्तों को जीरे के साथ मिलाकर पीस लें, इसके बाद उसे दिन में 3-4 बार चाटते रहें. ऐसा करने से दस्त रुक जाते हैं. 05. सांस की दुर्गंध दूर करने में सांस की दु्र्गंध को दूर करने में भी तुलसी के पत्ते बहुत ज्यादा लाभकारी होते हैं व नेचुरल होने की वजह से इसका कोई साइडइफेक्ट भी नहीं होता है. अगर आपके मुंह से बदबू आ रही हो तो तुलसी के कुछ पत्तों को चबा लें, ऐसा करने से दुर्गंध चली जाती है. 06. चोट लग जाने पर अगर आपको कहीं चोट लग गई हो तो तुलसी के पत्ते को फिटकरी के साथ मिलाकर लगाने से घाव जल्दी अच्छा हो जाता है. तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल तत्व होते हैं जो घाव को पकने नहीं देता है. इसके अतिरिक्त तुलसी के पत्ते को ऑयल में मिलाकर लगाने से जलन भी कम होती है. 07. चेहरे की चमक के लिए त्वचा संबंधी रोगों में तुलसी खासकर लाभकारी है. इसके प्रयोग से कील-मुहांसे समाप्त हो जाते हैं व चेहरा साफ होता है. 08. कैंसर के उपचार में भी: हाल के कई शोधों में तुलसी के बीज को कैंसर के उपचार में भी अच्छा बताया गया है, हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
लेकिन सिर्फ सर्दी-जुकाम ही नहीं तुलसी की पत्तियों को प्रतिदिन दूध में उबालकर पीने से भी बहुत फायदा होते हैं. एंटीबायोटिक व पौष्टिक आहार के इस मिलावट से कई बड़े रोगों में राहत मिलती है, आइए डालते हैं इस पर एक नजर- 09. दमा रोग में कारगर यदि आप सांस संबंधी समस्या दमा जैसे किसी रोग से परेशान हैं तो दूध के साथ तुलसी की पत्तियों को उबालकर पीएं. ऐसा करना दमा रोगियों को लाभ होगा. 10. माइग्रेन में दे आराम दूध में तुलसी के पत्ते उबालकर पीने से सिर दर्द या माइग्रेन जैसी समस्याओं से भी राहत मिलती है. नियमित रूप से तुलसी दूध का सेवन करने से इस समस्या को जड़ से खत्म किया जा सकता है. 11. अवसाद से उबारने में मददगार ऑफिस की टेंशन हो या कार्य के बोझ की वजह से अगर आप तनाव या डिप्रेशन से घिरे रहते हैं तो दूध में तुलसी की पत्तियों को उबाल पीएं. इसे पीने से मानसिक तनाव व चिंताएं दूर होती हैं.
12. पथरी में रामबाण है तुलसी अगर किसी आदमी को पथरी की समस्या है तो उसे नियमित रूप से खाली पेट तुलसी दूध पीना चाहिए. ऐसा करने से किडनी के पथरी की समस्या व दर्द दूर होता है. 13. इम्यूनिटी बढ़ाए, रोगों से बचाए तुलसी के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट्स गुण उपस्थित होने से ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करती है. इसके अतिरिक्त तुलसी के पत्तों में एंटीबैक्टीरियल एवं एंटीवायरल गुण भी उपस्थित होते हैं, जो सर्दी, खांसी और जुकाम से आदमी को दूर रखते हैं. क्योंकि कोरोना वायरस एक फ्लू वायरस ही है इसलिएयह इम्यूनिटी बढ़ाकर कोरोना के संक्रमण से बचाने में भी मदद करती है. तुलसी दूध बनाने के लिए सबसे पहले डेढ़ गिलास दूध में 8 से 10 तुलसी की पत्तियां डालकर उबलने दें. जब दूध एक गिलास रह जाए तब गैस बंद कर दें. दूध हल्का गुनगुना होने पर इसे पीएं. इस दूध के नियमित सेवन से ही इन बीमारियों से निजात मिल सकती है.

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