किन्नरों से जुड़े ये रहस्य आप भी नहीं जानते होंगे, एक बार जरूर जान लें

हमारे समाज में किन्नरों को सम्मान प्राप्त नहीं है जो कि होना चाहिए। उनका रहन सहन और जीवन हमसे अलग होता है और अपनी आजीविका के लिए उन्हें त्योहरों, जन्म आदि पर नाच गा कर पैसा कमाना पड़ता है। आम आदमी इनके पैसे मांगने का ज्यादा विरोध नही करता और चुपचाप निकाल कर दे देता हैं। कहा जाता है कि किन्नर की जिस तरह दुआ काफी शक्तिशाली होती है उसी तरह इनकी बद्दुआ ही इंसान को रोड पर ले आती है। आज हम आपको किन्नरों से जुड़ी कुछ ऐसी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आप नहीं जानते होंगे।

1. किन्नर समुदाय ख़ुद को मंगलमुखी मानते हैं। इसलिए ये केवल किसी की शादी विवाह या जन्म में ही भाग लेते हैं। अगर किन्नरों में से किसी की मृत्यु हो जाए तो ये मातम नहीं मनाते बल्कि खुश होते हैं कि उन्हें इस जीवन से छुटकारा मिल गया।

2.मान्यता है कि ब्रह्मा जी की छाया से किन्नरों की उत्पत्ति हुई है।
3. महाभारत में अज्ञातवास के दौरान, अर्जुन ने विहन्न्ला नाम के एक हिजड़े का रूप धारण किया था। उन्होंने उत्तरा को नृत्य और गायन की शिक्षा भी दी थी।
4. किन्नरों की दुआ से व्यक्ति की खूब तरक्की होती है। कहा जाता है कि किन्नरों को भगवान राम का वरदान है। इसलिए किन्नरों से सिक्का लेकर उसे पर्स में रखने से काफी तरक्की होती है।
5. किन्नर अपने आराध्य देव अरावन से साल में एक बार विवाह करते है। वे एक दिन के लिए शादीशुदा जीवन जीते है और अगले ही दिन उनके देवता की मृत्यु हो जाती है जिसके लिए ये अगले दिन शोक भी मनाते हैं।

6.किन्नरों की बद्दुआ इसलिए नही लेनी चाहिए क्योकिं ये बचपन से लेकर बड़े होने तक दुखी ही रहते हैं ऐसे में दुखी दिल की दुआ और बद्दुआ लगना स्वाभाविक हैं।
7. किसी की मौत होने के बाद हिजड़ा समुदाय एक हफ्ते तक भूखा रहता है।
8. किन्नरों का अंतिम संस्कार बेहद गुप्त होता है। दिन की बजाय इनकी शव यात्रा रात में होती है। कहते हैं कि उनकी शव यात्रा को अगर कोई व्यक्ति देख लेता है तो वो अगले जन्म भी किन्नर के रूप में ही पैदा होता है।

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