दूध में तुलसी के पत्ते उबाल कर पीने से दूर होते हैं ये सारे रोग

कोलकाता न्यूज डेस्क: हिंदू धर्म में ऐसा कौन सा घर होगा जिसमें तुलसी का पौधा ना हो। हिंदू धर्म में मान्यता है कि तुलसी के पौधे में भगवान बसते हैं, यहीं वजह है कि हर घर में तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है औऱ इसे तुलसी मां कहकर पुकारा जाता है। इसके साथ ही साथ तुलसी के हर पत्तियों में बहुत सारे औषिधियें गुण भी मौंजूद होते हैं। साफ शब्दों में कहा जायें तो रोगों को दूर करने का खजाना है तुलसी के हर पत्तियों में।

कोरोना काल के महामारी के इस दौर में स्वंय आयुष मंत्रालय ने भी ये सलाह दी है कि तुलसी के पत्तों का काढ़े में उपयोग किया जाये और साथ ही साथ तुलसी के पत्तों को दूध में उबाल कर पीने से भी इम्यूनिटी पॉवर बूस्ट होता है। तो आइये जानते हैं, दूध में तुलसी के पत्ते उबाल कर पीने से कौन-कौन से रोग दूर होते हैं
दमा रोगः अगर किसी को सांस संबंधी समस्या दमा जैसे किसी रोग से परेशान हैं तो दूध के साथ तुलसी की पत्तियों को उबालकर पीएं। ऐसा करना दमा रोगियों को फायदा होगा।
माइग्रेनः दूध में तुलसी के पत्ते उबालकर पीने से सिर दर्द या माइग्रेन जैसी समस्याओं से निजात मिलती है। नियमित रूप से तुलसी दूध का सेवन करने से इस समस्या को जड़ से समाप्त किया जा सकता है।
डिप्रेशनः ऑफिस की टेंशन या फिर काम के बोझ की वजह से अगर अक्सर तनाव या डिप्रेशन से घिरे रहते हैं तो दूध में तुलसी की पत्तियों को उबाल पीएं। इसे पीने से मानसिक तनाव और चिंताएं दूर होती हैं
पथरीः अगर किसी इंसान को पथरी की समस्या है तो उसे नियमित रूप से खाली पेट तुलसी दूध पीना चाहिए। ऐसा करने से किडनी के पथरी की समस्या और दर्द दूर होता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमताः तुलसी के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट्स गुण मौजूद होने से ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं। इसके अलावा तुलसी के पत्तों में एंटीबैक्टीरियल एवं एंटीवायरल गुण भी मौजूद होते हैं, जो सर्दी, खांसी व जुकाम से व्यक्ति को दूर रखते हैं।
तो आपको बता दें कैसे तुलसी के पत्तों का दूध में सेवन करना हैः तुलसी दूध बनाने के लिए सबसे पहले डेढ़ गिलास दूध में 8 से 10 तुलसी की पत्तियां डालकर उबलने दें। जब दूध एक गिलास रह जाए तब गैस बंद कर दें। दूध हल्का गुनगुना होने पर इसे पीएं। इस दूध के नियमित सेवन से ही इन बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है।

अन्य समाचार