12 अगस्त को नंदलाला का जन्मदिवस, जानते हैं शुभ मुर्हूत और धार्मिक महत्व

कोलकाता न्यूज डेस्कः नंदलाला, मुरली मनोहर, कृष्ण कन्हैया, घनश्याम, माखन चोर ना जाने और कितने नामों से प्रख्यात हैं भगवान श्री कृष्ण। श्री कृष्ण को भगवान विष्णु का अवतार कहा जाता है। बच्चे, बूढ़े, जवान हर किसी के फवरेट हैं नंदलाला और जब बात उनके जन्मदिवस की हो तो क्या कहना।

ये तो एक उत्सव है उनके श्रद्धालुओं के लिये। जन्माष्टमी की तैयारियां एक महीने पहले से होनी शुरू हो जाती है। केवल भारत में ही नहीं नंदलाला का जन्मदिवस तो विदेशों में भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार जन्माष्टमी का त्यौहार 12 अगस्त यानि की बुधवार को मनाया जायेगा।
हिंदू पंचांग के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण को समर्पित ये पावन त्योहार, हर साल भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में मनाया जाता है। वहीं अगर अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह त्यौहार आमतौर पर अगस्त-सितंबर के महीने में ही आता है। तो आइये जानते हैं, जन्माष्टमी 2020 की पूजा करने का शुभ मुहूर्त और समय
जन्माष्टमी पूजा मुहूर्त 2020: श्री कृष्ण जन्माष्टमी- 12 अगस्त, बुधवार, निशीथ पूजा मुहूर्त- रात 12:04:31 से लेकर 12:47:38 तक, अवधि- 0 घंटे 43 मिनट, उपवास की पारण मुहूर्त- 05:48:49 के बाद 13, अगस्त को।
क्या है, जन्माष्टमी का धार्मिक महत्वः ये हम सभी जानते हैं कि हर साल इस दिन दुनियाभर में भक्त भगवान श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना करते हुए, रातभर भजन और लोकगीत गाकर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन मनाते हैं। इस दिन उपवास करने का भी विधान है। इस बात का जिक्र स्वंय हिन्दू शास्त्रों में भी किया गया है, जिसमें श्री कृष्ण जन्माष्टमी के उपवास को व्रतराज माना गया है।
कहा जाता है इस दिन व्रत करने से आपको सालभर के व्रतों से भी अधिक फल प्राप्त होता है। धार्मिक मान्यता ये है कि जो भी व्यक्ति इस दिन श्री कृष्ण के दर्शन मात्र भी करता हैं तो, भगवान उनके सभी दुख दूर करते हुए, उसे महापुण्य के सभी फल प्रदान करते हैं जिससे उसे संतान प्राप्ति, सुख-समृद्धि, वंश वृद्धि, दीर्घायु और पितृ दोष मुक्ति का आशीर्वाद मिलता है।

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