सचिन पायलट की इस शर्त पर हो सकती है कांग्रेस में वापसी

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रहे सचिन पायलट की कांग्रेस में वापसी के लिए एक बार फिर से प्रयास तेज हो गए हैं। सचिन पायलट के समक्ष मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमे की तरफ से एक शर्त रखी गई है, जिसके आधार पर उनकी कांग्रेस में पूर्ण रूप से वापसी हो सकती है।

हालांकि अशोक गहलोत की शर्त पर सचिन पायलट कतई नहीं मानेंगे, इसका पता होने के बावजूद अशोक गहलोत ने कहा है कि अगर सचिन पायलट कांग्रेस आलाकमान से माफी मांग ले तो वह उनको गले लगा लेंगे और सरकार में वापसी हो जाएगी।
गौरतलब है कि 14 अगस्त से राजस्थान विधानसभा का सत्र आहूत होने जा रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा पक्के तौर पर फ्लोर टेस्ट करवाए जाने की संभावना है।
जबकि सचिन पायलट खेमे की तरफ से स्पष्ट रूप से कह दिया गया है कि यदि विधानसभा सत्र आहूत किया जाता है तो वह सभी सत्र में शामिल होंगे और विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेंगे।
माना जा रहा है कि राजस्थान विधानसभा की कार्रवाई के दौरान यदि फ्लोर टेस्ट करवाया जाता है तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार को बचाने के लिए जहां 101 विधायकों की जरूरत है, वहीं 2 विधायकों ने भी यदि सरकार से पीछे हटने का निर्णय ले लिया तो सरकार का गिरना तय है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान विधानसभा के 200 सदस्यों में से 72 विधायक भारतीय जनता पार्टी के, तीन विधायक राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के, 107 विधायक कांग्रेस पार्टी के, दो विधायक बीटीपी के, दो विधायक मार्क्सवादी पार्टी के और 13 निर्दलीय सदस्य हैं।
कांग्रेस के 107 विधायकों में से पिछले साल की बहुजन समाज पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायकों की सदस्यता को लेकर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है, इसकी 11 अगस्त को पहली सुनवाई है। यदि कोर्ट ने विधायकों की वोटिंग करें यथास्थिति के आदेश दे दिए, तो वैसे भी गहलोत की सरकार गिरनी तय है।

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