बक्सर : स्थानीय थाना परिसर स्थित माता काली मंदिर में एकहथी पूजा सम्पन्न कराने के लिए महिलाओं की भारी भीड़ देख थानाध्यक्ष ने थाने में प्रवेश गेट सहित मंदिर में गेट में ताला बंदकर एक-एक महिलाओं को पूजा करने की इजाजत दी गई। लेकिन, महिलाएं इसके लिए तैयार नहीं हुआ। जिसके थाना थानाध्यक्ष द्वारा थाना का मुख्य गेट बंद करा दिया गया। लेकिन, महिलाओं की आस्था का आलम यह रहा कि भीड़ की अनेक महिलाओं ने थाने की दीवाल सहित अन्य हिस्सों में मां काली की एकहथी पूजा संपन्न की। सनद रहे कि साल में एक बार रक्षाबंधन पर्व के से दो तीन दिन पूर्व होनेवाली मां काली की वार्षिक पूजा करने के लिए स्थानीय सहित आसपास क्षेत्रों की महिलाएं थाना परिसर में स्थित मंदिर में पहुंच गई। जहां महिलाओं की भारी भीड़ देख थानाध्यक्ष सहित पुलिसकर्मियों ने संक्रमण के मद्देनजर बारी-बारी पूजा करने की बात कही। लेकिन, महिलाएं नहीं मानी। मंदिर का गेट बंद होने के बाद कुछ महिलाओं ने थाने की दीवाल और आसपस मां काली की पूजा संपन्न की। इस पूजा में महिलाएं गुड़ सना हुआ आटा, लौंग आदि देती हैं। बाद में माता काली को गुड़, आटा का गुलौरा और पुड़ी-पुआ का प्रसाद चढ़ाया जाता है। हर साल रक्षाबंधन के एक-दो दिन पहले हर्षोल्लास के साथ मां काली की पूजा-अर्चना की जाती है। लेकिन, कोरोना संक्रमण काल में लॉकडाउन के चलते मंदिर में पूजा की औपचारिकता पूरी की गई। सनद रहे कि, थाना परिसर में माता काली, हनुमान, भगवान शिव सहित अन्य देवी का मंदिर है। एकहथी पूजा करने आई मीना देवी, रीता देवी, सविता देवी ने बताया कि कोरोना संक्रमण में मदिर में प्रवेश बंद रहने से एकहथी पूजा करने मे भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
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Posted By: Jagran
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