पुणे (Pune) के मेयर मुरलीधर मोहोल (Murlidhar Mohol) ने आरोप लगाया है कि जुलाई महीने में शहर में कोरोनावायरस (Coronavirus) से कम से कम 400 संदिग्ध मरीजों की मौत हुई है. उनका कहना है कि हर महीने ससून जनरल हॉस्पिटल (Sassoon General Hospital) और शहर के प्राइवेट अस्पतालों में कम से कम 400 से 500 संदिग्ध कोरोना मरीजों की मौत हो रही है और उनका कोई हिसाब नहीं रखा जा रहा है.
मेयर मोहोल ने शुक्रवार को कहा कि गुरुवार को जब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) शहर में कोरोनावायरस के हालातों का जायजा लेने के लिए आए थे, तब एक मुलाकात के दौरान उन्होंने उनके सामने इस मुद्दे को उठाया था.
रोजाना 12 मरीजों की मौत की कही बात
मेयर ने कहा, "शहर के ससून अस्पताल में हर रोज कम से कम 12 कोरोना मरीजों की मौत हो रही है और इसी तरह के मामले प्राइवेट अस्पतालों से भी सामने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन मौतों का कोई हिसाब नहीं रखा जा रहा है क्योंकि मरीजों को अस्पतालों में या तो मृत अवस्था में लाया जाता है या अस्पताल आते ही उन मरीजों की मौत हो जाती है."
मुख्यमंत्री से जरूरी कदम उठाने की मांग
उन्होंने आगे कहा कि सरकारी गाइडलाइंस के मुताबिक, कोरोना मरीज की मौत के बाद उसके शव का टेस्ट नहीं किया जाता है, लेकिन जब डॉक्टर इन शवों का एक्स-रे लेते हैं तो उनमें कोरोनावायरस संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं. मोहोल ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ यह मुद्दा उठाकर ऐसी मौतों को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने की मांग की है.
उन्होंने कहा कि ऐसे मरीजों का जल्द ही पता लगाया जाना चाहिए ताकि उन्हें समय से इलाज मिल सके और उन्हें बचाया जा सके और ऐसी मौतों को रोका जा सके.
जिला कलेक्टर ने हॉस्पिटल से मांगी रिपोर्ट
मोहोल के इन आरोपों के बाद जिला कलेक्टर नवल किशोर राम (Naval Kishore Ram) ने कहा कि ससून हॉस्पिटल से इस बात की रिपोर्ट मांगी गई है और जल्द ही इसकी जांच की जाएगी. उन्होंने कहा, "डेटा एंट्री से संबंधित कुछ समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन महापौर के दिए गए आंकड़े असंभव दिखाई देते हैं, लेकिन हमने हॉस्पिटल से रिपोर्ट मांगी है और हम इस बात की निष्पक्ष जांच करेंगे."