बासमती धान की रोपाई शुरू

01 अगस्‍त। बासमती धान के पौध की रोपाई तेजी से शुरू हो गई है। अबकी बार पिछले सीजन से डेढ़ हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में धान की रोपाई होगी। पुरवा तहसील क्षेत्र के निदाखेड़ा, रामापुर, अमरापुर, चमियानी, धिरजीखेड़ा, कुशलखेड़ा, विशुनपुर, टीकरखुर्द, चंदीगढ़ी व बीघापुर तहसील क्षेत्र के त्रिपुरारपुर, रम्माखेड़ा, पूरनदासखेड़ा, बेवलमंशाखेड़ा, कोदइयाखेड़ा समेत अन्य गांवों के किसान बासमती देहरादून धान की बड़े पैमाने पर खेती करते हैं।

इसकी खुशबू के विदेशी तक कायल है। शायद इसी कारण इस धान के चावल का निर्यात सऊदी अरब, ईराक, ईरान, दुबई, संयुक्त अमीरात, अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, जापान, कोरिया, कनाड़ा, नाइजीरिया आदि देशों में किया जाता है। इस बार भी जून माह में अच्छी बारिश होने से भारी संख्या में किसानों ने बासमती धान की रोपाई की है। पिछले सीजन में जहां 11270 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बासमती धान बोया गया था। इस बार रकबा बढ़ाकर 12793 हेक्टेयर हो गया है। किसानों का कहना है कि अच्छी बारिश हुई बंपर पैदावार हो सकती है।
त्रिपुरारपुर के किसान संजय तिवारी ने बताया कि धान की पौध लगाने का काम अंतिम चरण में है। प्रगतिशील किसान डा. गोवर्धन पटेल ने बताया कि इधर बारिश कम हो रही है कृषक ट्यूबवेल का सहारा लेकर धान की रोपाई कर रहे हैं। चमियानी के किसान सुरेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि शुरुआत में अच्छी बरसात होने से धान लगाने के लिए खेत समय से तैयार कर लिए गए थे।
अच्छी पैदावार से किसानों को होगा मुनाफा
यहां का धान लंबा व स्वाद, खूशबू में सबसे अलग होता है। जिस कारण इसकी देश के कई राज्यों के साथ-साथ विदेशों में भी अच्छी मांग रहती है। स्वाद और सुगंध अलग होने के कारण बासमती देहरादून धान का रेट अन्य प्रजातियों के मुकाबले काफी चढ़ा रहता है। पूर्व के वर्षों में किसानों को 4100 रुपये प्रति क्विंटल का रेट मिल चुका है। जानकारों के मुताबिक, अच्छी पैदावार होने से किसानों को भी मुनाफा होगा।

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