सत्ताधारी CPN नेता ने कहा- PM ओली ने भारत के खिलाफ कीं तीन गलतियां

नेपाल (Nepal) के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) भले ही अपनी कुर्सी बचाने में सफल हो गए हों लेकिन उन पर उनकी ही पार्टी के नेताओं का हमला जारी है. इसी सिलसिले में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (CPN) के सीनियर नेता नारायणकाजी श्रेष्ठ (Narayankaji Shrestha) ने पीएम ओली पर निशाना साधा है.

उन्होंने कहा है कि ओली ने हाल ही में अपने Undiplomatic और Irritating भारत-विरोधी बयानों के जरिए तीन गलतियां की हैं.
'भारत के खिलाफ चिढ़ाने वाले बयान देकर किया ब्लंडर'
नारायणकाजी श्रेष्ठ ने कहा, "पीएम ओली ने भारत के खिलाफ चिढ़ाने वाले बयान देकर ब्लंडर किया है. वो भी ऐसे समय में जब सीमा विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाने की जरूरत है."
CPN नेता ने हिमालयन टीवी को दिए इंटरव्यू में कहा, "भारत के राष्ट्रीय प्रतीक और कालापनी व लिपुलेख की विवादित भूमि पर बयान देकर पीएम ओली ने गलती की है."
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ओली ने भारत के संबंध में तीन गलतियां कीं, हालांकि सरकार द्वारा एक नया नक्शा जारी करके कालापानी और अन्य क्षेत्रों पर किया गया दावा सराहनीय था.
नारायणकाजी श्रेष्ठ ने कहा, "पहली गलती भारत के चिह्न 'सत्यमेव जयते' के बारे में चिढ़ाने वाले तरीके से बोलकर की गई. दूसरी गलती भारत पर अपनी सरकार को गिराने की साजिश रचने के लिए दोष मढ़ना था, जोकि निराधार है. तीसरी गलती उन्होंने यह दावा करके की कि भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या नेपाल के बीरगंज के पास स्थित है."
PM ओली के दावों पर विवाद
बता दें कि पिछले महीने पीएम ओली ने आरोप लगाया था कि भारत उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के साथ मिलकर उन्हें सत्ता से बाहर करने की साजिश कर रहा है. उनका यह बयान नेपाल द्वारा एक नया नक्शा मंजूर करने के लिए एक विधेयक पारित करने के बाद आया था.
इस विधेयक में नेपाल और भारत के बीच विवाद के केंद्र रहे इलाके- लिपुलेख दर्रा, कालापानी और लिंपियाधुरा को नेपाल के क्षेत्र के तौर पर दिखाया गया था.

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