लखीसराय। कोरोना की महामारी ने बहुत से लोगों को बहुत कुछ सिखाया है। स्वास्थ्य विभाग भी रोज कुछ न कुछ सीख ही रहा है। पर, इस जिले से लेकर राज्य मुख्यालय तक कोरोना की जांच में कई स्तर से लापरवाही भी उजागर होते रही है। बाद में विभाग तकनीकी फॉल्ट बताकर अपने किए पर पर्दा डालता रहा है। पर, यह भी सच है कि इन गलतियों एवं लापरवाही के कारण किसी भी कोरोना संदिग्ध या पीड़ित व्यक्ति की जान भी जा सकती है।
गुरुवार को लापरवाही का एक ऐसा ही मामला सामने आया है। लखीसराय जिले के बड़हिया नगर पंचायत के वार्ड नंबर 19 का एक युवक अजीबोगरीब स्थिति में आइसोलेशन वार्ड में भर्ती होकर रो रहा है। ट्रू नेट के माध्यम से उसने अपनी कोरोना जांच 29 जुलाई बुधवार को कराई थी। अगले दिन 30 जुलाई गुरुवार को उसके मोबाइल पर मैसेज आया - श्री.. कुमार, दिनांक 28 जुलाई 2020 को आपका कोरोना जांच के लिए सैंपल लिया गया था। जांच में वह निगेटिव पाया गया है। मास्क पहनें और सामाजिक दूरी बनाए रखें। किसी भी चिकित्सकीय सहायता के लिए 104 पर कॉल करें, धन्यवाद। इस मैसेज के बाद उस युवक के साथ ही पूरी परिवार में खुशियां लौट आई। लेकिन कुछ देर बाद ही मेडिकल टीम उसे आइसोलेशन सेंटर भेजने पहुंच गई। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी सूची में उसे कोरोना पॉजिटिव बताया गया। युवक रो-रो कर खुद को निगेटिव बताता रहा वहीं मेडिकल टीम मोबाइल के मैसेज को मानने से इन्कार करती रही। अंतत: युवक को जिला कोविड केयर सेंटर में भर्ती कर दिया गया है। इधर उसके परिवार में भी चिता बढ़ी हुई है। वे लोग शुक्रवार को अपनी जांच कराएंगे। इस बाबत सिविल सर्जन डॉ. आत्मानंद कुमार ने बताया कि उन्हें ऐसी जानकारी नहीं है। जानकारी मिली है तो वे इसकी पड़ताल करेंगे। तकनीकी कारणों से ऐसी घटनाएं सामने आ जाती है।
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Posted By: Jagran
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