यूं तो कोरोनावायरस पूरी दुनिया में तांडव मचा रहा है लेकिन हम भारतीय के लिए यह ज्यादा ही खतरनाक साबित हो रहा है। हाल ही में सामने आए आंकड़ों से पता चलता है कि कोरोनावायरस पूरी दुनिया के मुकाबले भारत में सबसे तेज गति से फैल रहा है। ब्लूमबर्ग कोरोना वायरस ट्रैकर के मुताबिक कोरोना के कुल केसों के मामले में भारत सिर्फ अमेरिका और ब्राजील से ही पीछे है। हालांकि ब्राजील में भी भारत की तरह कम टेस्ट हुए हैं। ब्राजील में प्रति हजार लोगों पर 11.93 टेस्ट किए जा रहे हैं, जबकि भारत में प्रति हजार लोगों पर 11.8 टेस्ट हो रहे हैं। वहीं, अमेरिका में प्रति हजार लोगों पर 152.98 और रूस में 184.34 टेस्ट हो रहे हैं।
देश की स्थिति यह है कि रोजाना कोरोना के 40-50 हजार केस सामने आ रहे हैं। मंगलवार को लगातार छठे दिन कोरोना के 47,704 केस सामने आए जिसमें से 35,176 लोगों ने रिकवर कर लिया जबकि 654 लोगों की जान गई। वहीं, अगर पिछले 5 दिनों में कोरोना के केस पर नजर डालें तो करीब 30 हजार से ज्यादा लोगों ने संक्रमण को मात दी है। ऐसे में सरकार का कहना है कि डेथ रेट अब 2.25 प्रतिशत हो गया है। अगर राजधानी में कोरोना केस देखें तो उनमें अब गिरावट देखने को मिल रही है। हालांकि इसका एक कारण कम टेस्ट भी हो सकता है। वहीं, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के हालात बदत्तर बने हुए हैं।
कोरोनावायरस से जूझ रही पूरी दुनिया के लिए एक उम्मीद की किरण जगी है। यदि सब कुछ सही रहा तो नवंबर के अंत तक भारत में कोरोनावायरस की वैक्सीन आ सकती है। जी हां, पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के अधीक्षक डॉ. सीएम सिंह ऐसी उम्मीद जता रहे हैं। दरअसल, पटना में 40 लोगों पर वैक्सीन परीक्षण किया गया। पहले ही चरण में मानव परीक्षण के सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं। बता दें कि जिन लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई है, उन्हें दूसरी डोज देने की प्रक्रिया 29 जुलाई से शुरू हो जाएगी। वैज्ञानिकों द्वारा बताया जा रहा है कि वैक्सीन का मानव शरीर पर किसी तरह का साइड इफेक्ट नहीं हुआ है।