बक्सर : धान के कटोरा के नाम से विख्यात बक्सर में इस बार मानसून के समय पर साथ देने के साथ ही धान की अच्छी खेती होने का अनुमान है। इसके साथ ही विभाग भी इस बार उर्वरक की समय से आपूर्ति को लेकर कमर कस कर तैयार है। जिले में सभी प्रकार के उर्वरक का पर्याप्त भंडारण होने से किसानों को उर्वरक की कोई किल्लत नहीं होने दी जाएगी।
इसकी जानकारी देते जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णानंद चक्रवर्ती ने बताया कि जिले में सभी प्रकार के उर्वरक का पर्याप्त भंडार मौजूद है। जिले के सभी केंद्रों पर सहज रूप से किसानों की जरूरत के अनुसार उर्वरक मिल रहा है। धान की खेती के दौरान किसी को भी उर्वरक की कमी महसूस नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने बताया कि अभी तक जिले में महज 1917 एमटी यूरिया की खपत हुइ्र है। जबकि जिले के विभिन्न केंद्रों पर अभी 1603 एमटी यूरिया का भंडार मौजूद है। इसके अलावा फिर यूरिया की अतिरिक्त रैक आने वाली है। अनुमान है कि किसानों को उनकी जरूरत के हिसाब से बराबर उर्वरक की आपूर्ति मिलती रहेगी। डीएओ ने बताया कि मौजूदा समय धान के खेती में सबसे अधिक यूरिया और थोड़ा बहुत डीएपी की खपत होती है। जबकि, जिले के सिमरी, केसठ, ब्रह्मपुर तथा बक्सर के कुछ क्षेत्र में सब्जी की खेती करने वाले किसानों को मुख्य रूप से डीएपी की ज्यादा जरूरत होती है। इसके लिए जिले के सभी केंद्रों पर यूरिया तथा डीएपी के साथ अन्य उर्वरक पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं। डीएओ ने बताया कि किसानों को उचित दर पर उर्वरक मिलता रहे इसके लिए विभाग सतत प्रयतनशील है और सभी बिक्री केंदों की विभाग द्वारा बराबर निगरानी की जा रही है। यदि कहीं कोई तय कीमत से अधिक मूल्य पर उर्वरक बेचता है तो किसान उसकी सीधे डीएओ के पास शिकायत कर सकते हैं, तुरंत कार्रवाई की जाएगी। -जिले में उर्वरक का स्टॉक
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यूरिया - 1603 एमटी
डीएपी - 1096 एमटी
एनपीके - 1993 एमटी
एमओपी - 215 एमटी
एसएसपी- 207 एमटी -इंसर्ट-
-इफ्फको उर्वरक मूल्य प्रति बैग
यूरिया - 266-50
डीएपी - 1150-00
एपीएस - 945-00
एनपीके - 1100-00
Posted By: Jagran
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