30 जुलाई। बच्चों को डायरिया से बचाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताए अचूक उपाय, घर में कर सकते हैं उपचार
विशेषज्ञों के मुताबिक, डायरिया का सही समय पर सही तरीके से इलाज कर बच्चे को स्वस्थ बनाया जा सकता है। जानिए डायरिया का उपचार।
छोटे बच्चों में डायरिया (दस्त) एक आम समस्या है। हालांकि, इससे वयस्क भी प्रभावित हो सकते हैं। डायरिया का मुख्य कारण जीवाणु संक्रमण, विषाणुजनित संक्रमण, कुछ चीजों को पचाने में परेशानी, परजीवी जो भोजन या पानी के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं, दवाओं का रिएक्शन आदि है। इसके लक्षण हर बच्चे में अलग-अलग हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं: ऐंठन, पेट दर्द, सूजन, मतली आना, बार-बार टॉयलेट आना, बुखार, मल में खून आना आदि।
डायरिया से बचाव के लिए खानपान को सही रखना चाहिए साथ ही स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बच्चों को डायरिया से बचाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा कई उपाय बताए हैं। जिनके बारे में यहां हम आपको विस्तार से बता रहे हैं।
डायरिया क्या है -
दस्त या डायरिया तब होता है जब स्टूल (मल) ढीला और पानीदार हो जाता है। इस स्थिति में आपके बच्चे को भी अधिक बार टॉयलेट जाने की आवश्यकता पड़ सकती है। डायरिया एक आम समस्या है। जो एक या दो दिन तक रह सकता है और अपने आप ठीक हो जाता है। यदि डायरिया दो दिनों से अधिक समय तक रहता है, तो आपको तुरंत एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए। क्योंकि यह गंभीर समस्या हो सकती है।
डायरिया का उपचार-
डायरिया से बचने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय निम्नलिखित सुझाव दिए हैं, जो आपको अपने बच्चों को डायरिया से सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी:
ओआरएस का एक पैकेट एक लीटर पानी में अच्छी तरह से घोलें। इसे बच्चों को दस्त शुरु होने से लेकर दस्त ठीक होने तक देना है।
दस्त लगने के साथ ही ओआरएस का घोल पिलाएं और इस क्रम को दस्त खत्म होने के बाद तक जारी रखें।
आप जिंक की गोली को एक चम्मच पानी या मां के दूध में घोलकर पिलाएं, इसे 14 दिन तक जरूर पिलाना चाहिए।
जिंक दस्त की तीव्रता को कम करता है, इससे तीन माह तक दस्त नहीं होता इसके अलावा यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
दस्त लगने के दौरान और बाद में बच्चे को मां का दूध और आहार देना जारी रखें।