सहरसा। सेविका-सहायिका चयन में फर्जी प्रमाण पत्रों की कलई खुलने लगी है। चयन मामले की जांच शुरू हो गई है। इस क्रम में डीपीओ रीता सिन्हा ने सोनवर्षा प्रखंड के भवरा केंद्र संख्या 45 की सेविका ललिता देवी पति जय जयराम यादव के चयन को रद करते हुए अपीलार्थी प्रियंका कुमार पति सतीश कुमार को चयन पत्र निर्गत कराने का निर्देश दिया है। पूरे मामले की सुनवाई और कागजातों के सत्यापन पश्चात डीपीओ ने ललिता देवी पति जयजयराम यादव द्वारा फर्जी संस्था झारखंड स्टेट ओपेन स्कूल, रांची का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के दंडस्वरूप उनके विरूद्ध विधि-सम्मत कार्रवाई का भी निर्देश दिया है। जिला प्रोग्राम पदाधिकारी ने सुनवाई के क्रम में विभिन्न बिन्दुओं पर सुनवाई की। पत्राचारों के माध्यम से उन्हें सूचित करते हुए लिखा गया झारखंड राज्य में झारखंड अधिविधि परिषद रांची ही एकमात्र वैधानिक संस्था है। जिसके स्तर से मैट्रिक का परीक्षा आयोजित किया जाता है। एवं छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान की जाती है। किसी अन्य शैक्षणिक संस्था को डिग्री प्रदान करने की मान्यता नहीं है। इस पत्र के माध्यम से स्पष्ट किया गया कि झारखंड स्टेट ओपेन स्कूल को झारखंड एवं भारत सरकार मानव संसाधन विभाग से मान्यता नहीं है। सुनवाई के दौरान उन्होंने इस संस्था से संबंधित उच्च न्यायालय के मामले का भी हवाला दिया है।
फर्जी प्रमाण के आधार पर हुए इस चयन के रद होने से फर्जी प्रमाणपत्र का उपयोग करनेवाले सभी आवेदकों में हड़कंप मच गया है। इसी प्रकार दर्जनों अभ्यर्थियों ने संस्कृत बोर्ड व अन्य बोर्ड तथा कई फर्जी संस्थानों के प्रमाणपत्र और पैसे के आधार पर गलत तरीके से चयन करवा लिया। कहीं सेविका चयन के लिए नाबालिग से शादी रचा ली गई। ऐसे 123 मामले की जांच चल रही है। जिसकी भी कलई शीघ्र खुलने वाली है।
Posted By: Jagran
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