28 जुलाई। कनोला तेल औषधीय गुणों का काम करता है इसी कारण से आज भी डॉक्टरों की पहली पसंद बन गया हैं। कनोला तेल में ओमेगा-3, 6 का सही अनुपात पाया जाता है। डाइट में रोजाना दो छोटे चम्मच कनोला ऑयल लेना दिल को स्वस्थ रखता है। दो हफ्ते तक डाइट में इसे लेने से पेट की चर्बी में 1.6 प्रतिशत की कमी आती है।
शुगर कंट्रोल : एक शोध के अनुसार, कनोला तेल में शर्करा की मात्रा काफी कम होती है। इसलिए यह टाइप-2 डायबिटीज को बढ़ाने वाले कारक मोनोअनसेच्यूरेटेड फैटी एसिड को शरीर में बढऩे से रोकता है। इससे मधुमेह रोगियों का ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है।
कम होता है फैट : अन्य खाद्य तेलों के मुकाबले इसमें सबसे कम फैट है। इसमें 7 प्रतिशत, जैतून में 15 फीसदी व सूरजमुखी के तेल में 12 प्रतिशत फैट मौजूद होता है।
सेहतमंद हृदय : अलसी के बीज की तुलना में इस तेल में ओमेगा-3 और 6 फैटी एसिड काफी ज्यादा पाए जाते हैं। कई शोधों में सामने आया है कि ये फैटी एसिड हृदय रोगों को बढ़ाने वाले कारक जैसे ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल आदि को नियंत्रित रखते हैं। ऐसे में हृदय से जुड़े रोगों की आशंका कम रहती है। साथ ही इनकी आशंका घटने से बे्रन स्ट्रोक का खतरा भी कम हो जाता है और दिमाग को मजबूती मिलती है।
विटामिन से भरपूर : इसमें विटामिन-के व ई भरपूर मात्रा में होते हैं। विटामिन-ई त्वचा को चमकदार बनाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। विटामिन-के खून का थक्का जमाने के लिए जरूरी होता है। यह शरीर में एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी काम करता है।