एक स्वस्थ और बेहतर लाइफ़स्टाइल पाने के लिए आज़मायें यह बेहतरीन टिप्स

पोषण औरआहार विशेषज्ञ हम जैसे ही होते हैं - उन्हें भी स्वास्थ्य वर्धक लाइफ़स्टाइल चुनने व उस पर क़ायम रहने की ज़रूरत होती है. आखिर वो ये सब कैसे मैनेज कर लेते हैं व फिर भी फिट रहते हैं?

क्या कोई गोपनीय डाइट है जो वो अनुसरण करते हैं?भारत की जानी-मानीआहार विशेषज्ञों में से एक लवलीन कौर (Dietitian Lavleen Kaur) अपनी डाइट व लाइफ़स्टाइल की दिनचर्या हमें यहाँ बता रही हैं. आइए उनकी कुछ बेहतरीन टिप्स हम भी आज़मायें व एक स्वस्थ और बेहतर लाइफ़स्टाइल पाने के लिए इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें.
लवलीन कहती हैं कि, "मेरी डाइट व लाइफ़स्टाइल के पीछे कोई राज़ नहीं है, अच्छी आदतें कठिन हों, ये ज़रूरी तो नहीं. डाइट व लाइफ़स्टाइल पर उनके मोटिवेशनल फेसबुक वीडियो उनकी खुद की दिनचर्या पर आधारित हैं, जिसके पीछे एक पारंपरिक मगर वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ, इस क्षेत्र में उनके सालों-साल के एक्सरसाइज का भी बड़ा हाथ है. लवलीन अपनी 'आज़माया व जांचा (ट्राइड ऐंड टैस्टेड)" स्टाइल में डाइट व लाइफ़स्टाइल सलाह देती हैं. डाइटीशियन के रूप में वो पहले टिप्स व ट्रिक्स को अपनी दिनचर्या में आज़माने व फिर दूसरों को सुझाने में विश्वास रखती हैं. वे कह उठती हैं, "मैं एक शुद्ध देसी लड़की हूँ". उन्होंने कभी भी कोई अजीबोगरीब, विदेशी डाइट आज़माने की प्रयास नहीं की, न ही दूसरों को ऐसा करने की सलाह दी.
लवलीन उस तरह की डाइटीशियन नहीं हैं जैसे हम यूट्यूब या दूसरे सोशल मीडिया पर देखते हैं जिनकी दिनचर्या बहुत कड़ी व आदर्श होती है जिसे वे हर दिन निभाते हैं. बल्कि, वो बिल्कुल हम जैसी ही हैं. तो फिर लवलीन कौर के चमकते, सलोने व्यक्तित्व किस वजह से है?
सुबह उठने के बाद, वो चाइल्ड पोज़ का एक्सरसाइज करती हैं जिसे रेस्टिंग पोज़ भी कहते हैं. यह कैसे भी पीठ दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है व आपके हिप्स के लिए अच्छा है. लवलीन आगे कहती हैं, "अपने अंदर की आवाज़ को सुनें". कुछ सेकंड के लिए चाइल्ड पोज़ में रहने के बाद, वो एक प्रार्थना करती हैं जो वो बचपन से करती आ रही हैं.
ऑइल पुलिंग आयुर्वेद का एक डेंटल एक्सरसाइज है जो न केवल ओरल हेल्थ सुधारता है, बल्कि सर से पाँव तक पूरी स्वास्थ्य भी. लवलीन नारियल ऑयल 10 मिनट तक स्विश (Swish) करते हुए मुँह मे रखती हैं व फिर उसे थूक देती हैं. इस प्रक्रिया को ऑइल पुलिंग कहते है. हालांकि उन्होंने अपने दादाजी को यह उपाय प्रयोग करते हुए देखा है लेकिन डाइटीशियन बनने से पहले, उन्होंने इस तकनीक के बारे नहीं सुना था. अपना व्यक्तिगत अनुभव शेयर करते हुए लवलीन हमें बताती हैं कि, 'पहली बार जब मैंने ऑइल पुलिंग करने की प्रयास की, बहुत कठिन व अजीब लगा लेकिन अब महीनों तक लगातार करने के बाद, मैंने अपनी ओरल हैल्थ बेहतर पाया व मेरे शरीर में ज़हरीले तत्व (टॉक्सिन्स) भी कम हो गए.' 2-3 महीनों तक खुद कर के देखने व ऑइल पुलिंग के फ़ायदे पाने के बाद ही, उन्होंने अपने क्लाइंट्स व पेशेंटस को इसे आज़माने व एक्सरसाइज करने की सलाह दी.
सुबह के अपने चाइल्ड पोज़ व ऑइल पुलिंग एक्सरसाइज की दिनचर्या के बाद, वो तरोताज़ा होती हैं व अपने बेटे मेहरमीत को स्कूल के लिए तैयार होने में मदद करती हैं. फिर, उनके प्रातः काल के नाश्ते का समय होता है व शायद आप सोचें कि डाइटीशियन के तौर पर उन्होंने कोई कॉम्पलीकेटेड रेसिपी बनाई है. लेकिन ऐसा नहीं है, वो बस मुट्ठी भर भिगाए हुए नट्स व सीड्स के साथ, सिर्फ़ कोई एक फल खाती हैं. आरंभ में, सीड्स व नट्स खाने में कठिन होती थी क्योंकि कुछ किस्में उनके शरीर को सूट नहीं कर रही थी. उन्हें पता था कि नट्स व सीड पोषण का क्षमता भंडार हैं, इसलिए उन्होंने धीरे-धीरे उन्हें अपनी डाइट में शामिल किया. उन्हें जोड़ों के दर्द की कई समस्याओं का सामना करना पड़ा लेकिन लगातार फ्रूट्स, सीड्स व नट्स खाने से अब उन्हें न् जोड़ों के दर्द हैं न बाक़ी कोई समस्या.
अगली फ़ायदेमंद वस्तु जो हम लवलीन की लाइफ़स्टाइल से अपना सकते हैं, वो है योगा! अब आप कहेंगे कि आपकी रोज़ाना की ज़िंदगी बहुत व्यस्त रहती है व घर पर बच्चों के साथ योगा का एक्सरसाइज कठिन होगा. लवलीन का भी एक छोटा बच्चा है लेकिन उन्होंने फिर भी, आरंभ मे घर-परिवार की ज़िम्मेदारियों व योगा के बीच समय मैनेज कर के योगा का एक्सरसाइज घर पर किया.. उन्होंने हफ़्ते में 4-5 दिन, नाश्ते के पहले, योगा किया. उन्होंने बताया कि, 'मैंने भी घर पर आरंभ की व बाद में एक्सपर्ट से मार्गदर्शन लिया. एड्रैस की बात ये कि हमें चुस्त-दुरुस्त रहना है न कि ज़ोर-शोर वाले योगा सेशन करने हैं, जब तक कि आपके शरीर को सूट न करे.'
अपने नाश्ते को थोड़ा पहले प्लान कर लेने से, लवलीन अपने व्यस्त दिनों के बीच भी ठीक डाइट कायम रख पाती हैं. वो सारे हफ़्ते का प्लान बनाती हैं कि नाश्ते, लंच व डिनर मे क्या खाना है. यह प्लानर उन्हें एक स्वास्थ्य वर्धक डाइट बरकरार रखने में मदद करता है, चाहे जो भी हो. आप शायद अचरज करें कि इस डाइट प्लानर में दरअसल है क्या-क्या? इसमें वो सारे सादा व आम ब्रेकफ़ास्ट डिशें हैं जो किसी भी भारतीय किचन में मिल जाती हैं. 'पराँठे मुझे बहुत पसंद हैं, व हफ़्ते में कम से कम दो बार खाती हूँ', वो बताती हैं. पोहा, ओट्स (ओट्स उपमा या चीला)), पालक या चुकंदर रोटी, ये सब कुछ व डिशें हैं उनके प्लानर से. एक जैसा भोजन खाना, नीरस लग सकता है, इसलिए वो हफ़्ते मे एक बार ब्रेड—रिलेटेड डिशें बनाती हैं ताकि ब्रेकफ़ास्ट प्लान में कुछ दिलचस्पी या सके.
गेहूँ हमारा मुख्य आटा है, लेकिन वो सिर्फ़ गेहूँ की रोटी नहीं खातीं. वैराइटी लाने के लिए, वो उसमें ज्वार, रागी, मक्की व ओट्स चीला भी फूड प्लानर में शामिल करती हैं. आरंभ में लवलीन को भी रागी की रोटी खाने में बहुत कठिन हुई, क्योंकि वो बहुत कठोर थी, लेकिन उन्होंने दूसरे विकल्प चुन लिए जैसे कि ओट्स या ज्वार रोटी, जो कि आसान, स्वादिष्ट व स्वास्थ्य से भरपूर है. 'मुझे अपनी दिनचर्या में खानपान की ये स्वास्थ्य वर्धक आदतें पूरी तरह से अमल में लाने में 2 वर्ष लगे, यह कोई फटाफट होने वाला जादू नहीं. इसमें समय व सब्र दोनों कि ज़रूरत है. इसलिए आराम से आरंभ कीजिए व अपने खाने के साथ इस्तेमाल कर के देखिए, जो भी आपकी पसंद हो व जो आपके शरीर को सूट करे, क्योंकि आपको अपने खाने में हमेशा मज़ा आना चाहिए,' लवलीन ने बताया.
नाश्ते के बाद, वो अपने कार्य पर जाने के लिए तैयार होती हैं व अपने चंडीगढ़ स्थित, क्लिनिक डाइट इन्साइट की ओर चल देती हैं. यह ठीक है कि कार्यालय के लंबे वर्किंग आवर्स की वजह से डाइट अच्छा से मैनेज करना कठिन होने कि सम्भावना है. लेकिन, क्लिनिक पर, लवलीन यह सुनिश्चित करती हैं कि कार्य की वजह से उनके स्टाफ व उनकी डाइट डिस्टर्ब नहीं होनी चाहिए. वर्क शेड्यूल के अनुसार, डाइट की दिनचर्या को प्लान करना, लवलीन को कार्यालय के व्यस्त समय में भी उचित डाइट बरकरार रखने में मदद करती है. वो प्रातः काल के समय नारियल पानी, सब्ज़ियों का सूप व लंच के लिए घर निकलने से पहले रंग-बिरंगी सलाद से भरा एक बाउल लेती हैं. 'लंच के लिए, किसी खास तरह का खाना नहीं चाहिए होता, सादी 'रोटी—सब्ज़ी' ही हमारे शरीर के लिए सबसे बढ़िया खाना होता है व मैं अपने परिवार के साथ लंच में रोज़ाना यही खाती हूँ', डाइटीशियन लवलीन बताती हैं.
खाने के अलावा, पानी पीना एक स्वास्थ्य वर्धक डाइट का अगला सबसे ज़रूरी पहलू है. लंच के बाद लवलीन, नींबू पानी पीने में व क्लिनिक में कार्य के अपने बाकी समय के दौरान पानी पीते रहने में फोकस करती हैं. वो कहती हैं, 'लंच के बाद व डिनर के पहले क्या खाएं, यह सबसे कठिन फ़ैसला होता है'. आरंभ में, जब घर पर ही क्लिनिक हुआ करता था, डाइट मेन्टेन करना सरल था, लेकिन क्लिनिक में अब अपॉइन्ट्मेन्ट्स के साथ डाइट मैनेज करना कठिन है.' उनके लिए सॉल्यूशन यही था कि साथ में शकरकंद (स्वीट पोटेटोज) ले जाएँ, या फिर कार्यालय के ड्राज़ में चना, मखाना, अंकुरित (स्प्र्राउट्स) रागी लड्डू या ओट्स बॉल्स रखें. वो हर किसी को यही सलाह देती हैं कि जब भी आपको भूख लगे, हानिकारक भोजन की तरफ़ मन ले जाने से बेहतर, स्वास्थ्य वर्धक चीज़ें खायें.
ऑफिस में ठीक डाइट लेने व अपना कार्य समाप्त करने के बाद, वो घर लौटती हैं व अपने बेटे के साथ समय बिताती हैं. अपने परिवार के साथ क्वालिटी समय बिताना, खुशियों व स्वास्थ्य भरी लाइफ़स्टाइल बरक़रार रखने के लिए बेहद ज़रूरी है. इसके बाद, लवलीन 7 बजे तक अपने परिवार के साथ डिनर कर लेती हैं. इसमें भी वो वही भारतीय 'रोटी-सब्जी' वाला खाना ही जारी रखती हैं. कमाल की बात ये कि डिनर के बाद वो कुछ भी नहीं खातीं-पीतीं, न ही कैमोमाइल चाय या न कोई दूसरी, सोने से पहले किए जाने वाली फ़ैन्सी चीज़ें.
तो क्या आप अभी भी यही मानते हैं कि किसी डाइटीशियन की डाइट व लाइफ़स्टाइल कॉम्पलिकेटेड या जटिल है व उनकी ज़बरदस्त स्वास्थ्य का यही कारण है? डाइटीशियन के पास सुपरपावर्स नहीं होते, वो परफेक्ट नहीं होते. वो भी गलतियाँ करते हैं, आपकी व मेरी तरह. हालांकि, ज़रूरी ये है कि उन गलतियों से सीख कर उन्हें सुधारा जाए ताकि एक बेहतर व शानदार लाइफ़स्टाइल बनाया जा सके.

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