25 जुलाई। आजकल हर उम्र के लोगों में पैरों में जलन की समस्या आम बात हो गई है। पैरों की नसों के क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण यह समस्या उत्पन्न होती है जिसे न्यूरोपैथी कहा जाता है। आमतौर पर पैरों में जलन की समस्या डायबिटीज के कारण होती है लेकिन ज्यादातर मामलों में पैरों के जलन का इलाज तंत्रिकाओं के क्षतिग्रस्त होने की वजह को ध्यान में रखकर किया जाता है। आज हम जानेगे पैरों में जलन होने का कारण और पैरों की जलन दूर करने के घरेलू उपाय के बारें में।
इसके अलावा पैरों में किसी पुरानी चोट के कारण भी यह दिक्कत पैदा हो सकती है। हमारी तंत्रिकाओं की ऐसी संरचना होती है कि वे मस्तिष्क की सूचनाओं को मांसपेशियों में भेजती हैं और उन्हें ताप और दाब के प्रतिक्रिया में सहायता करती हैं। लेकिन जब ये तंत्रिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं तो सूचनाएं भेजने का कार्य प्रभावित होने लगता है। इसकी वजह से पैरों में जलन के कई लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं और ये लक्षण आते एवं जाते रहते हैं।
आमतौर पर पैरों में जलन होने का कारण मधुमेह और अधिक धूम्रपान होता है। लेकिन इसके पीछे और भी बहुत कारण हैं जिनकी वजह से पैरों में जलन की समस्या व्यक्ति को पकड़ लेती है।
ये हो सकते हैं कारण-
गुर्दे से जुड़ी बीमारी होने पर पैरों में जलन होना स्वाभाविक है।
अगर थॉयराइड हार्मोन का स्तर कम हो अर्थात् हाइपोथॉयराइडिज्म की समस्या हो तो पैरों में जलन होने की समस्या हो सकती है।
लेड, मरकरी और आर्सेनिक जैसी भारी मेटल प्वायजनिंग होने से पैरों में जलन शुरू हो जाता है।
दवाओं का साइड इफेक्ट, विटामिन B6 का अधिक सेवन करने, एचआईवी की दवाएं लेने और कीमोथेरेपी की दवा खाने से भी पैरों में जलन होने लगता है।
अधिक शराब पीने की आदत, एड्स, विटामिन B12, फोलेट और कभी-कभी विटामिन B6 की कमी के कारण भी पैरों में जलन की समस्या हो जाती है।
अगर व्यक्ति की रक्त वाहिकाओं में संक्रमण हो तब भी उसके पैरों में जलन होता है।
ज्यादातर लोगों में पैरों में जलन का मुख्य कारण डायबिटीज होता है। ऐसे लोगों में इस बीमारी के निदान के लिए किसी अतिरिक्त परीक्षण की जरूरत नहीं पड़ती है। लेकिन कुछ लोगों को अचानक ही पैरों में जलन होने लगता है और यह अधिक बढ़ जाता है, ऐसे लोगों को सही निदान के लिए टेस्ट करवाने की जरूरत होती है।
इलेक्ट्रोमायोग्राफी(EMG)- ईएमजी टेस्ट के लिए मांसपेशियों में सूई डाली जाती है और इसकी क्रियाओं के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाती है।
प्रयोगशाला टेस्ट पैरों में जलन के कारणों का पता लगाने के लिए प्रयोगशाला में खून, पेशाब और रीढ़ के लिक्विड का परीक्षण किया जाता है। सामान्य ब्लड टेस्ट के माध्यम से विटामिन के लेवल की भी जांच की जाती है।
नर्व बायोप्सी - गंभीर परिस्थितियों में यह टेस्ट भी किया जाता है। इसके लिए डॉक्टर नर्व टिशू का एक टुकड़ा निकालकर सूक्ष्मदर्शी से परीक्षण करते हैं।
शरीर के पीएच लेवल को संतुलित रखने में एप्पल साइडर विनेगर बहुत सहायक होता है, इसके अलावा यह पैरों की जलन को भी कम करने में मदद करता है। एक गिलास गर्म जल में दो चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिलाकर प्रतिदिन पीने से पैरों में जलन की समस्या नहीं होती है। इसके अलावा गर्म पानी में एप्पल साइडर विनेगर मिलाकर पैरों की सिंकाई किया जा सकता है। पानी में नमक मिलाकर भी पैरों को धोने से जलन कम होती है।
हल्दी में कुकुमिन नामक तत्व अधिक मात्रा में पाया जाता है जो पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसके अलावा हल्दी में एंटीइंफ्लैमेटरी गुण पाया जाता है जो पैरों की जलन को दूर करने के लिए उपयोगी है। एक गिलास गर्म जल में एक या दो चम्मच हल्दी मिलाकर नियमित दिन में दो बार पीने से पैर का जलन समाप्त हो जाता है। हल्दी और पानी का पेस्ट बनाकर पैर में लगाने से भी जलन समाप्त हो जाती है।
जल्दी ही पैरों की जलन से राहत प्रदान करने के लिए ठंडा पानी एक बेहतरीन घरेलू उपाय है। ठंडा पानी पैरों की सूजन, पैरों की सुन्नता और झुनझुनी को समाप्त कर देता है। पानी से भरे टब में अपने पैरों को कुछ देर तक डुबोए रखें और फिर निकाल लें। दिन में यह प्रक्रिया कई बार दोहराएं, इससे पैरों की जलन समाप्त हो जाएगी। जलन समाप्त करने के लिए पैरों को पानी में अधिक देर तक भिगो कर न रखें अन्यथा इससे कई खतरनाक लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। इसके अलावा बर्फ के टुकड़े को भी पैरों पर रखने से जलन दूर हो जाती है।
इप्सम साल्ट मैग्नीशियम सल्फेट से बनाया जाता है जो पैरों की जलन, दर्द और सूजन को कम करने के लिए फायदेमंद माना जाता है। एक टब गर्म पानी में आधा कप इप्सम साल्ट मिलाकर पैरों को टब में दस से पंद्रह मिनट तक डुबोए रखें। कुछ दिनों तक नियमित यह प्रक्रिया दोहराने से पैरों में जलन की समस्या दूर हो जाती है।
अदरक में कई तरह से एक्टिव कंपाउंड पाये जाते हैं जो शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने में फायदेमंद होते हैं। अदरक पैरों की जलन को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक चम्मच अदरक के रस में नारियल के तेल को हल्का गर्म करके मिलाएं। फिर इस मिश्रण से दस या पंद्रह मिनट तक अपने पैरों की मसाज करें। जरूर राहत मिलेगी। इसके अलावा दो या तीन कप अदरक की चाय प्रतिदिन पीने से भी पैरों का दर्द, सूजन और जलन खत्म हो जाती है।
- करेला का उपयोग आयुर्वेद में पैरों की जलन को दूर करने के लिए किया जाता है। इसलिए यदि आप पैरों की जलन से पीड़ित हैं तो करेले का इस्तेमाल कर सकते हैं। करेले की पत्तियों को पीसकर इसमें थोड़ा पानी मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। फिर इस पेस्ट को पैरों के प्रभावित भाग पर लगाने से जलन जल्दी समाप्त हो जाती है। इस प्रक्रिया को कई बार दोहराने से शीघ्र लाभ मिलता है।