कोरोनावायरस: भारत सहित पूरी दुनिया में कोरोनावायरस का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच एक स्टडी के दावे ने सबको हैरान कर दिया है। इस स्टडी में सामने आया है कि कोरोनावायरस नाक, गले और फेफड़े में प्रभाव पड़ता है, बल्कि यह वायरस कान को भी प्रभावित कर सकता है।
मेडिकल जर्नल JAMA ओटोलरींगोलॉजी की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। इस रिपोर्ट में तीन मरीजों का जिक्र किया गया, जिनकी कोविड -19 से मौत हो गई है। ये तीनों में एक की उम्र 60 साल और दूसरे की उम्र 80 साल की थी। ये दो मरीज कान में इन्फेक्शन की वजह से मरे हैं। दोनों रोगियों के कान के पीछे हड्डी में कोरोना इन्फेक्शन पाया गया।
जॉन हॉपकिंस स्कूल ऑफ मेडिसिन की टीम का दावा है कि इस अध्ययन में जो चीजें सामने आई हैं, इसके बाद कोरोना वायरस के लक्षण वाले लोगों के कान भी चेक किए जाएं. 80 साल के मरीज के दाहिने कान के बीच में कोरोना वायरस का इन्फेक्शन पाया गया, वहीं 60 साल के मरीज के बाएं-दाएं मास्टॉयड में तथा दाएं मध्य कान में कोरोना वायरस का इन्फेक्शन पाया गया.
स्टडी में ये बात भी सामने आई है कि इन्फेक्शन की वजह से मरीज के सुनने की शक्ति भी कम हो गई थी. गौरतलब है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में बड़ी-बड़ी कंपनियां, प्रतिष्ठित संस्थान और वैज्ञानिक लगे हुए हैं. दूसरी तरफ दुनियाभर में कोरोना वायरस तेजी से फैलता जा रहा है.
दुनियाभर में अब तक एक करोड़ 59 लाख 40 हजार 379 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. छह लाख 42 हजार 688 लोगों की कोरोना की चपेट में आकर मौत हो चुकी हैं. हालांकि अब तक 97 लाख 23 हजार 949 लोग इलाज के बाद ठीक भी हुए हैं. लेकिन अभी भी 55 लाख 73 हजार 742 लोग कोरोना का दंश झेल रहे हैं.
पिछले 24 घंटों के दौरान पूरी दुनिया में दो लाख 98 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए. इस दौरान करीब सात हजार लोगों की मौत हुई. दुनिया के 213 देशों में फैल चुके कोरोना वायरस का पहला मामला पिछले साल दिसंबर में चीन के वुहान शहर में सामने आया था. इसके बाद इसने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया. अमेरिका, ब्राजील, भारत, रूस और दक्षिण अफ्रीका में कोविड-19 संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.